राजस्थान में प्रत्येक सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने जन आधार कार्ड किया अनिवार्य

राजस्थान में प्रत्येक सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने जन आधार कार्ड (Jan Aadhar Card) अनिवार्य कर दिया है.

Update: 2022-07-31 11:48 GMT

राजस्थान में प्रत्येक सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए सरकार ने जन आधार कार्ड (Jan Aadhar Card) अनिवार्य कर दिया है. इसके चलते राजस्थान में करीब करीब हर परिवार इस कार्ड से जुड़ता जा रहा है. कई बार ऐसा होता है कि कार्ड बनाने में कई गलतियां हो जाती है. उनमें सुधार नहीं हो पाता है. ऐसे लोगों को राजस्थान सरकार ने बडी राहत दी है. राजस्थान में जन आधार कार्ड से जुड़े 1 करोड़ 77 लाख परिवार अब एक से ज्यादा बार उनमें संशोधन (Correction) करा सकेंगे. पहले केवल एक ही बार संशोधन का मौका दिया जाता था. दूसरी बार संशोधन का कोई विकल्प नहीं था.

जन आधार कार्ड बनवाने के दौरान परिवार के मुखिया का नाम, सदस्य का नाम, जन्मतिथि, जेंडर या जाति को लेकर कई बार गलती रह जाती है. गलतियों को लेकर आम जनता परेशान भी होती है. सरकार ने इसको गंभीरता से लिया है. अब जन आधार में एक से ज्यादा बार संशोधन कराया जा सकता है. राजस्थान जन आधार प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं मुख्य सचिव उषा शर्मा ने इस बाबत आदेश जारी कर दिये हैं. इसके लिए जिला कलेक्टर और जिला जन आधार योजना अधिकारी को पावर दी गई है.
यह होगी संशोधन की प्रक्रिया
सबसे पहले आवेदक को ई-मित्र पर जाकर संशोधन के लिए अप्लाई करना होगा. संशोधन से संबंधित डॉक्यूमेंट अपलोड करने होंगे. दूसरी बार संशोधन की एप्लीकेशन सीधे जिला कलेक्टर और जिला जन आधार योजना अधिकारी के पास जाएगी. आवेदन आने पर अधिकारी उसकी जांच करेंगे. जरूरत होने पर आवेदक को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर संशोधन के कारण पूछे जाएंगे। इसके बाद अधिकारी ही आवेदन पर फाइनल डिसीजन लेंगे.
कार्डधारक को कोई फीस नहीं चुकानी होगी
जन आधार कार्ड में जिसका संशोधन अप्रूव होगा उसके वैरिफाई डॉक्युमेंट जिला कलेक्टर या जिला जन आधार योजना अधिकारी को अपनी पर्सनल SSO ID से अपलोड करने होंगे. इसके बाद चेक बॉक्स में टिक भी करना होगा. एक OTP दर्ज करने के बाद एप्लीकेशन सबमिट हो सकेगी. तय समय में संशोधन कर नया कार्ड जारी किया जाएगा. इस पूरे प्रोसेस की कोई फीस कार्डधारक को नहीं चुकानी होगी.
कई जगह काम आता है जन आधार कार्ड
राजस्थान के मूल निवासियों को 56 सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए भामाशाह कार्ड को ही जन आधार में बदला गया था. राजस्थान में 177 करोड़ 48 लाख से ज्यादा परिवारों के करीब 6 करोड़ 70 लाख लोग जन आधार कार्ड से जुड़े हैं. जन आधार 10 नंबर का एक यूनिक कार्ड होता है. इसमें मुखिया महिला रहती है. इसी कार्ड में परिवार के सदस्यों की डिटेल होती है. परिवार के मेंबर्स को भी 11 नंबर की एक यूनिक पहचान दी जाती है. जन आधार कार्ड से ही EWS प्रमाण पत्र, सीनियर सिटीजन पेंशन, बेरोजगारी भत्ता, मुख्यमंत्री संबल विधवा योजना और देवनारायण गर्ल्स स्टूडेंट स्कूटी वितरण योजना जैसी स्कीम को जोड़ा गया है.


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