जयपुर। राजधानी जयपुर में गरीबों के दस्तावेजों से करोड़ों रुपये का फर्जी कर्ज लेने का मामला सामने आया है. बदमाशों ने 40 लोगों से तीन करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 9 लाख 95 हजार रुपये, 2 लग्जरी कार, 20 मोबाइल फोन, 3 दर्जन बैंक पासबुक, 16 एटीएम, 13 पेन कार्ड, 2 दर्जन मोबाइल सिम, 1 दर्जन से अधिक चेक बुक जब्त की है. एक दर्जन सरकारी कार्यालयों के नकली सील बरामद किए गए हैं।
अपर आयुक्त कैलाश चंद्र विश्नोई ने बताया कि सोनू मेहरा ने सोडाला थाने को रिपोर्ट दी. जिसमें बताया गया कि कुछ लोग प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण योजना के साथ-साथ विभिन्न बैंकों से व्यक्तिगत सहित अन्य प्रकार के ऋण लेने का काम कर रहे हैं। इसके लिए नौकरी का फर्जी सैलरी सर्टिफिकेट बनाकर बैंकों में जमा कर देते हैं। जिस पर सीएसटी के सीआई मांगीलाल बिश्नोई के नेतृत्व में टीम गठित की गई। पुलिस ने सरस्वती नगर सोडाला निवासी विशाल शर्मा, करधनी निवासी विकास अग्रवाल, करधनी निवासी रविकांत शर्मा, भांकरोटा निवासी योगेश चौधरी और लक्ष्मण रेखा नांगल पुलिया के पास झोटवाड़ा निवासी रामावतार वर्मा को गिरफ्तार किया है.
आरोपी गरीब तबके के लोगों को निशाना बनाता था। गरीब लोगों को झांसा देकर उनके आधार कार्ड बनवा लेते थे। निगम कर्मचारी या किसी अन्य विभाग के कर्मचारी को निशाना बनाकर उसके नाम से फर्जी वेतन पर्ची जीए-55, बैंक स्टेटमेंट आदि बना ली जाती थी। फर्जी बैंक स्टेटमेंट के आधार पर प्राप्त आधार कार्ड में ऑनलाइन पता बदल लेता था। इसी आधार कार्ड के जरिए बैंक में खाता खोलकर उन्हें एटीएम, बैंक पासबुक, चेकबुक और सिम मिल जाता था।