कुशवाहा समाज के नेताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर सरकार को 12 सितंबर तक का दिया अल्टीमेटम
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धौलपुर, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर आरक्षण की राजनीति जोर पकड़ने लगी है. राजस्थान में एक माह पूर्व 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य समाज ने हाईवे को जाम कर दिया था. धौलपुर जिले में गुरुवार को राजस्थान समेत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुशवाहा समुदाय के नेताओं ने बैठक कर आरक्षण की मांग को लेकर सरकार को 12 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया. 12 सितंबर तक आरक्षण नहीं मिलने की स्थिति में समिति ने रेल रोको आंदोलन आयोजित करने का निर्णय लिया है.
आरक्षण समिति के कोर ग्रुप ने शहर के एक रिसॉर्ट में बैठक कर चेतावनी दी है कि अगर उन्हें 12 सितंबर तक आरक्षण नहीं दिया गया तो कुशवाहा और माली समाज रेलवे ट्रैक जाम कर देंगे. रिजर्वेशन कमेटी के अध्यक्ष मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व में कोर ग्रुप की बैठक से पहले रिजॉर्ट में आयोजित महापंचायत के दौरान समाज के लोगों से आरक्षण को लेकर बनाई जाने वाली रणनीति पर चर्चा की गई. कोर ग्रुप की बैठक में महापंचायत द्वारा एक स्वर में रेल रोको आंदोलन शुरू करने की मांग के बाद सरकार को 12 सितंबर तक का समय दिया गया है. 12 सितंबर तक आरक्षण नहीं मिलने की स्थिति में राजस्थान में रेल रोको आंदोलन किया जाएगा.
आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य रामहेत कुशवाहा ने कहा कि समाज के लोग संविधान के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. संविधान के अनुच्छेद 16(4) में प्रावधान है कि राज्य सरकार द्वारा बहुत पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया जा सकता है। कुशवाहा ने कहा कि कुशवाहा (माली) समाज सबसे पिछड़ा वर्ग है, जिसकी आबादी 12 फीसदी है. इसलिए समाज के लोग जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए भरतपुर में पिछले महीने सड़क जाम कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि चक्का जाम के बाद भी सरकार ने फैसला नहीं होने पर महापंचायत का आयोजन कर 12 सितंबर तक का समय दिया है.
कुशवाहा समाज की महापंचायत की खबर मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीम ने सुबह से ही पंचायत स्थल पर डेरा डाल दिया. कुशवाहा समाज द्वारा 12 सितंबर से रेल रोको आंदोलन शुरू करने की घोषणा के बाद एसडीएम भारती भारद्वाज पंचायत स्तर पर पहुंचे. जहां कोर ग्रुप के लोगों ने पंचायत स्थल पर ही एसडीएम को ज्ञापन दिया.