राजस्थान। अगर रियासतों और पुराने किलों की बात हो तो राजस्थान का नाम हर किसी की आंखों के सामने तैरने लगता है। आज भी इस राज्य ने अपनी विरासत और संस्कृति को बखूबी बरकरार रखा है. राजस्थान का इतिहास यह बहुत गहरा और शौर्य से भरा हुआ है. यहां के किले की दीवारों पर न सिर्फ राजाओं की वीरता बल्कि रानियों का बलिदान भी सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है। आज भी इन वीरांगनाओं को याद कर हर महिला अपने अंदर साहस का एहसास महसूस करती है। राजस्थान की खूबसूरती को देखने और जानने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। राजस्थान को लेकर लोगों में एक अलग तरह का आकर्षण है.
आज हम आपको इस गौरवशाली राज्य के प्रसिद्ध किले चित्तौड़गढ़ के बारे में बताएंगे। इस किले में सात दरवाजे हैं। कहा जाता है कि यह एकमात्र ऐसा किला है जिसके 7 दरवाजे हैं। यह किला 7वीं से 16वीं शताब्दी तक शक्ति का विशेष केंद्र था। किले में मजबूत प्रवेश द्वार, गढ़, महल, मंदिर और जलाशय हैं, जो राजपूत वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। इसके अलावा किले में एक शानदार स्विमिंग पूल भी मौजूद है। चित्तौड़गढ़ किले में सात दरवाजे हैं, जिनका नाम हिंदू देवताओं के नाम पर रखा गया है। उनके नाम हैं: पाडल पोल, भैरव पोल, हनुमान पोल, गणेश पोल, जोली पोल, लक्ष्मण पोल और अंत में राम पोल। इस किले के अंदर सातों दरवाजों से जाया जा सकता है। चित्तौड़गढ़ में 700 एकड़ में फैला और 500 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस किले की संरचना बेहद भव्य है। यही कारण है कि इसे भारत का सबसे लंबा किला भी कहा जाता है।