आज बुराई पर अच्छाई की जीत को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। कोरोना के दो साल बाद आज सभी शहरों और कस्बों में दशहरे के मेले लगे। इस बार रावण के पुतले के दहन को देखने के लिए उमड़ी भीड़ वास्तव में अपेक्षा से कहीं अधिक थी। इस बार शहर के राठी स्कूल के खेल मैदान में 40 फीट का रावण का पुतला दहन किया गया।
आपको बता दें कि दशहरा मेले को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से तमाम तरह के इंतजाम किए गए थे। दाह संस्कार के दौरान भीड़ को पुतले से दूर रखने के लिए पुतले से करीब 100 फीट की दूरी पर बैरिकेड्स लगाए गए थे।
सूर्यास्त के समय रावण का पुतला जलाने के साथ ही राम की जय-जयकार और रावण के विनाश के जयकारे सुनाई दिए। पटाखों की आवाज से पूरा मैदान गूंज उठा। दहन के बाद इस बार आसमान में आतिशबाजी का शानदार नजारा देखने को मिला। दो साल बाद दशहरा मेला उत्साह से भरा हुआ था।
रावण का पुतला दहन के बाद पुलिस-प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को अपने नियंत्रण में ले लिया। इस दौरान राजस्थान सरकार के पूर्व संसदीय सचिव कन्हाई लाल जंवर, एसडीएम स्वाति गुप्ता, नोखा सीआई ईश्वर प्रसाद जांगिड़, उप तहसीलदार नरसिंह टाक, नगर उपाध्यक्ष निर्मल भूरा, पूर्व नगर अध्यक्ष डॉ. सीताराम पंचरिया, पार्षद देवकिशन जोशी, पार्षद देवकिशन जोशी, पूर्व नगर अध्यक्ष डॉ. जगदीश मंजू, राधेश्याम लखोटिया, मदन लाल सियाग, अंकित तोशनीवाल, मोदाराम सिंवर, हरि लखोटिया आदि उपस्थित थे। इस मौके पर रामलीला का आयोजन किया गया।
वास्तव में विजयादशमी एक ऐसा दिन है जो सभी शुभ कार्यों को शुरू करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आज लोगों ने नए संस्थान, कार्यालय, उद्योग स्थापित किए और आज लोगों ने खूब खरीदारी भी की। इस दिन दुपहिया, फोन व्हीलर, टीवी-फ्रीज सहित दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं की खरीद भी शुभ मानी जाती है।