बांसवाड़ा। बांसवाड़ा जौलाना-परतापुर मार्ग पर रैयाना के समीप काला पत्थर क्षेत्र में मंगलवार को सड़क किनारे गिरे गेहूं के साथ गिरे यूरिया खाद के दाने खाने से दस बकरियां मर गईं, जबकि आधा दर्जन बेहोश हो गए. एक साथ दस बकरियों की मौत की सूचना पर जौलाना, भटार, बमनियावाता तरिया आदि गांवों के लोग मौके पर जमा हो गए। सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम भी पहुंची और जायजा लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि जौलाना पंचायत के तरियापाड़ा गांव के कचरू का पुत्र हेमा तबियार रोज की तरह बकरियां चराने गया था. इधर सड़क के किनारे गेहूं के दाने बिखर गए और बकरियां उन्हें खाने लगीं। इसमें यूरिया अनाज भी शामिल था। 10-15 मिनट बाद कुछ ही दूरी पर बकरियां एक-एक कर बेहोश होकर गिरने लगीं। यह देखकर काचरू डर गया।
इसी बीच आठ-दस बकरियों की दम घुटने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कुछ बेहोश होकर गिर पड़ीं। सूचना पर पहुंची पशुपालन विभाग की टीम ने कुछ बकरियों का इलाज किया। बाद में मौके पर ही मृत बकरियों का पोस्टमार्टम किया गया। पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी लोकेश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम में बकरियों में गेहूं के साथ यूरिया खाद के निशान मिले हैं. शरीर में अधिक यूरिया जाने से बकरियों की मौत हो गई। घटना की सूचना पर पंचायत समिति सदस्य सुशीला डामोर, जौलाना सरपंच जगदीशचंद्र डामोर, रायणा सरपंच संजय चरपोटा भी मौके पर पहुंचे। जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने मिलकर दस बकरियों की मौत को प्राकृतिक आपदा मानते हुए पीड़ित को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. इस बीच पटवारी जीतमल कटारा व जौलाना पुलिस ने मौका पर्ची तैयार की। मौके पर गेहूं व यूरिया एक साथ गिरने की चर्चा के बीच पता चला कि सड़क किनारे खाली जगह देखकर एक चालक अपना लोडिंग टेम्पो साफ कर रहा था. इससे लोडिंग-अनलोडिंग के दौरान बोरियों से गिरे गेहूं व यूरिया के दाने यहां पहुंचे और उन्हें खाकर बकरियां मौत का ग्रास बन गईं।