जयपुर में तीज यात्रा: कल 31 जुलाई से राजस्थान में शुरू होगा दो दिवसीय तीज की सवारी का उत्सव, जिलाधिकारी ने दिए प्रशासनिक व्यवस्था के निर्देश
जिलाधिकारी ने दिए प्रशासनिक व्यवस्था के निर्देश
जयपुर. राजस्थान की संस्कृति में खासा महत्व रखने वाली सावन मास की तीज है। तीज के दिन भरने वाला मेला और जयपुर में सिटी पैलेस से राजसी ठाट बाट से निकलने वाली तीज माता की सवारी यहां की विशेष पहचान है। राजधानी में तीज माता की सवारी 31 जुलाई और 1 अगस्त को निकाली जाएगी। तीज की सवारी सिटी पैलेस के जनानी ड्योढ़ी से राजसी ठाट बाट से रवाना होकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार होते हुए पालका बाग तक जाएगी। भोग कार्यक्रम के बाद सवारी वहां से रवाना होकर रावला पहुंचेगी। जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित ने तीज समारोह पर आवश्यक प्रशासनिक व्यवस्थाओं के निर्देश दिए हैं।
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने पुलिस उपायुक्त को सुरक्षा, कानून व्यवस्था और यातायात से संबंधित आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं, नगर निगम को यात्रा के मार्ग पर सम्पूर्ण सफाई, रोशनी, सड़क पर हो रहे गड्ढ़ों की मरम्मत, पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित निर्देश दिए हैं। वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सार्वजनिक निर्माण विभाग, पशुपालन विभाग और जिला शिक्षा अधिकारी को भी अपने विभाग से संबंधित व्यवस्थाए करने के निर्देश जारी किए गए है।
उद्यान अधीक्षक की ओर से रामनिवास बाग में लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। वहां लगे फव्वारों का संचालन भी कराया जाएगा। पर्यटन विभाग को विदेशी पर्यटक सहित अन्य गणमान्य नागरिकों के बैठने और गाईडेंस की व्यवस्था करने को कहा गया है। इतना ही नहीं सिटी पैलेस के प्रशासक द्वारा सवारी में ऊंट, हाथी, बैण्ड, घोड़े, बग्गी और महाडोला आदि की व्यवस्थाएं नगर निगम एवं पर्यटन विभाग के साथ समन्वय रखते हुए की जाएगी। तीज के दिन सिटी पैलेस में पूर्व राजपरिवार की दीयाकुमारी व अन्य सुहागन महिलाएं मां तीज माता की पूजा करेंगी। इसके बाद शाम करीब पौने 6 बजे तीज माता राजसी ठाठ -बाट के साथ त्रिपोलिया गेट से भव्यता के साथ निकलेगी।
तीज माता की सवारी की अगुवाई करते हुए पंचरंगी झंडा लहराते हुए सबसे आगे हाथी होंगे। इसके बाद ऊंट, घोड़ों के साथ बग्गियों, तोपगाड़ियों, बैलगाड़ियों पर पूरा शाही लवाजमा होगा। शाही लवाजमें के साथ तीज माता की सवारी को करीब दो घंटे तक शहर में घूमते हुए तालकटोरा पहुंचकर पौंड्रिक पार्क के मुख्य गेट पर विसर्जित होगी। तीज माता के मेले में कच्छी घोड़ी, कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य करते हुए लोक कलाकार अन्य कई तरह के नृत्यों की छटा बिखेरते सबका मन मोह लेते हुए भी दिखाई देंगे। कोरोना कल के बाद अब की बार तीज माता की सवारी पुरे लवाजमे के साथ निकाली जायेंगी।