जिले में कहीं कथाएं हो रही हैं तो कहीं मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ कस्बे के क्षत्रिय मेवाड़ा कुमावत समाज की ओर से राधा-कृष्ण मंदिर में मूर्ति अभिषेक का आयोजन स्वर्ण कलश स्थापना महोत्सव चल रहा है. इसके तहत मंगलवार को हवन में आहुतियां दी गईं। यहां आत्मानंद सरस्वती मठ कांचीपुरम के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम स्थल देव नारायण मंदिर के पीछे हवन किया गया। यहां आचार्य सुनील व्यास के सानिध्य में आहुतियां दी गईं। इसके तहत मंगलवार को देव पूजन, हवन किया गया। बुधवार को देवाधिवास और महाभिषेक होगा। जबकि गुरुवार की सुबह पूर्णाहुति, महाआरती व प्रसादी का आयोजन होगा।
रतनजना। मूर्तियों को पास के कनोरा में सर्व समाज द्वारा निर्मित श्री राधा कृष्ण मंदिर में स्थापित किया गया था। इस अवसर पर यहां सात दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सातों दिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें पंच कुण्डिया हवन किया गया। कार्यक्रम के तहत सोमवार को पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें कलश यात्रा का भी स्वागत किया गया। जिसमें 221 कलश महिलाओं ने सिर पर धारण कर भाग लिया। शोभायात्रा का ग्रामीणों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। मंदिर के ऊपर 51 फीट का गुंबद बनाया गया था। यहां शिवनारायण पाटीदार की ओर से कलश अर्पित किया गया। इस मौके पर विधायक ललित ओस्तवाल ने भी मंदिर में आशीर्वाद लिया।
धरियावाद। कस्बे के राज महल प्रांगण में सोमवार की शाम शिव परिवार के दो दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का समापन हो गया। इस दौरान शिव मंदिर में शिव परिवार की प्रतिमा का अभिषेक किया गया। इस दौरान पूरे कार्यक्रम स्थल को आकर्षक विद्युत साज सज्जा व विभिन्न फूलों से सजाया गया। प्रात:काल में प्रतिष्ठााचार्य पंडित कैलाश दाधीच व अन्य पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस बीच भानुप्रताप सिंह राणावत दंपती व उनके परिजनों ने सुबह यज्ञ में आहुति दी। इसके साथ ही राजमहल परिसर में बने शिव मंदिर में शिव परिवार के सदस्य पार्वती, कार्तिक, गणेश, नंदी की प्रतिमा स्थापित की गई। अंत में पूर्णाहुति के साथ भोलेनाथ और बयान माता की आरती की गई।