साढ़े तीन सौ से ज्यादा सांपों की बचाई जान, पांच बार डसा

Update: 2023-08-03 18:16 GMT
बूंदी। बूंदी सांप ऐसा जीव है जिसको देखते ही लोग डर जाते है,चाहे वह सांप जहरीला हो या फिर ना हो।शहर में किसी से घर या कार्यालय में किसी भी प्रजाति का सांप घुस जाए तो लोगों की जुबां पर युधिष्ठिर का नाम सहज ही आ जाता है। 23 साल के युधिष्ठिर मीणा सांप पकड़ने में माहिर माने जाते है। इलाके में लोग इन्हें रेस्क्यू एक्सपर्ट, कोबरा मैन के नाम से बुलाते है। जहां भी इन्हें किसी सांप के होने की सूचना मिलती है, यह तुरंत ही उसके रेस्क्यू के लिए पहुंच जाते हैं। युधिष्ठिर ने दो साल में अब तक 350 सेे अधिक सांप को पकड़ चुके है। हालांकि इस दौरान 5 बार सांप ने भी काटा,लेकिन बावजूद इसके जुनून कम नहीं हुआ और लगातार सांप को रेसक्यू करने का काम जारी है। इस काबिलियत की वजह कई बार सम्मान प्राप्त कर चुके है।
एक अनुमान के अनुसार भारत में 276 प्रजाति के सांप पाए जाते है। इनमें सबसे जहरीले 4 प्रजातियां इंडियन कोबरा, कॉमन करैत, रसेल्स वाईपर व सॉ.स्केल्ड वाईपर होते है। इनके जहर की एक बूंद भी इंसान को मौत की नींद सुला सकती है। जबकि राजस्थान में लगभग 30 से 40 प्रजाति के सांप पाए जाते है।विगत वर्ष में सांप को मार कर जला देने की घटना से आहत होकर युधिष्ठिर का मन दुखी हुआ और उन्होंने सांप पकड़ने का प्रशिक्षण लिया। युधिष्ठिर का कहना है कि सांप इंसानों के अच्छे दोस्त होते है। सांपों को फ्री पेस्ट कंट्रोलर कहा। क्योंकि वे ऐसे जीवों का शिकार करते हैं, जो इंसानों में रोग पैदा कर फसलों को नष्ट कर सकते है। प्रकृति के लिए सांपों का होना आवश्यक है। युधिष्ठिर सांपों के रेस्क्यू के साथ कुशल गोताखोर भी है।
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