बूंदी। बूंदी शिलोर्य में सिलोर श्री आदिनाथ दिगंबर जैन अष्टानिका महापर्व जारी है। सातवें दिन जबलपुर से आए बाल ब्रह्मचारी विनोद भैया ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम संपन्न कराया। सबसे पहले मूलनायक श्री 1008 आदिनाथ भगवान की शांतिधारा हुई। इसके पारखी थे महेंद्र हरसोरा, टीकम चंद हरसोरा, शांति देवी खमानी, लादूलाल धनोत्या, रमेश गंगवाल, महेंद्र कोटिया और भक्तामर आरती के पारखी मोहनलाल पापड़ीवाल। श्री सिद्धचक्र विधान के 512 मंत्रों के जाप के साथ समर्पित। भजन-कीर्तन व नृत्य के साथ पूजा अर्चना की गई। यहां हुए कवि सम्मेलन में वीर रस के कवि सजल जैन ने सम्मेद शिखर हमारा है कविता का पाठ कर श्रद्धालुओं के मन में जोश भर दिया। अभिषेक जैन बालाघाट ने तेरे बिन हमारे नयन प्रभु नीर नीर जाते है कविता का पाठ किया। अनेकांत जैन द्वारा संचालित, विद्यासागर नाम अमरत्व का प्रतीक नहीं है... सुनाया गया। शिलोदय तीर्थ क्षेत्र के महासचिव सुनील जैन ने बताया कि टीकम जैन अध्यक्ष नरेंद्र जैन, अशोक जैन, यशवंत, तरुण जैन मौजूद रहे।