गेहूं के बाजार भाव में उछाल, समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पड़ा सूना

Update: 2023-05-29 18:29 GMT
बूंदी। बूंदी कीमतों में तेजी को देखते हुए किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए उपार्जन केंद्रों के बजाय सीधे कृषि उपज मंडियों का रुख कर रहे हैं। किसानों को बाजार में अच्छी कीमत मिल रही है। मंडी में प्रतिदिन 20 से 25 हजार बोरी गेहूं की आवक हो रही है। आलम यह है कि अब किसान सरकारी खरीद केंद्र पर अपना माल बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन भी नहीं करवा रहे हैं।
क्रय केंद्रों से किसानों के पास फोन आ रहे हैं तो वे या तो मंडी में बेचने को कह रहे हैं या फिर दाम और बढ़ जाएं। बूंदी में गेहूँ उपार्जन के लिए 26 केन्द्र खोले गये हैं। इनमें एफसीआई के 10, राजफेड के 12 और तिलम संघ के 4 केंद्र हैं। इस बार ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। मूल्य कटौती से किसानों को राहत देने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपने गेहूं को उपार्जन केंद्रों पर बेचने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 प्रति क्विंटल है, मूल्य कटौती के बाद उन्हें और भी कम पैसे मिलेंगे. मंडी में गेहूं 1950 से 2656 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है।
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