नदी पार की डेढ़ लाख की आबादी को मिलने लगी राहत, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुन्हाड़ी

Update: 2022-10-10 11:24 GMT

कोटा। नदी पार की आबादी क्षेत्र के लोगों को तीन साल बाद सामुदायिक केंद्र कुन्हाड़ी में इलाज का लाभ मिलने लगा है। नये भवन के शिफ्ट होने के बाद यहां पिछले तीन माह से अस्थि रोग विशेषज्ञ की नियुक्त के बाद से ही डेढ लाख की आबादी को दुर्घटना में चोटिल होने, जोड़ो में दर्द, घुटनों में दर्द के के इलाज के लिए अब एमबीएस अस्पताल की दौड लगाना कम हो गया है। सीएचसी पर तीन माह पहले अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज मीणा की नियुक्ति होने के बाद से लोगों को काफी राहत मिलने लगी है। अस्पताल में लोगों जटिल ऑपरेशन होना शुरू होने से एमबीएस की लंबी कतारों से निजात मिलने लगी है। अस्थि सर्जरी वाले मरीजों को शहर की कुन्हाड़ी सीएचसी (शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र) पर ऑपरेशन की सुविधा से राहत मिल रही है। शुक्रवार को यहां तीन और शनिवार को एक ऑपरेशन हुआ। इससे छोटें आपरेशन से बड़ें अस्पतालों में मरीजों का भार कम होने लगा है।

ओपीडी में रोज आ रहे 80 से ज्यादा मरीज

कुन्हाडी सीएचसी के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज मीणा ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में रोज 70 से 80 मरीज हड्डी रोग संबंधी शिकायतें लेकर पहुंच रहे है। अस्पताल में रोज आठ से दस प्लास्टर चढ़ाए जा रहे वहीं एक से दो ऑपरेशन भी किए जा रहे है। हमारा एक ही लक्ष्य है की मरीजों को एमबीएस अस्पताल ओर न्यू मेडिकल जैसी सुविधा सीएचसी पर मिले इसका प्रयास किया जा रहा है। यहां कमर दर्द, घुटनों में दर्द और दुर्घटना में घायल मरीज अब एमबीएस जाने के बाजाए यहां इलाज के लिए आ रहे है। यहां सिमित संसाधन होने के बावजूद मरीजों को अधिक से अधिक राहत देने का प्रयास किया जा रहा है। यहां मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना मरीजों को पूरा लाभ मिल रहा है। जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों महंगे इलाज से राहत मिल रही है।

ऑपरेशन थियेटर शुरू होने से मिली राहत

सीएमएचओ डॉ. जगदीश कुमार सोनी ने बताया कि नदी पार क्षेत्रवासियों को राहत देने के लिए यहां ऑपरेशन थियेटर चालू करवाया गया है। शुक्रवार को तीन लोगों के यहां मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हाथों में फ्रेक्चर सबंधी ऑपरेशन नि:शुल्क किए गए। मरीजों को यहां राउंड से द क्लॉक 24 आपातकालीन प्रसव की सुविधा मिल रही है। सीएचसी पर अस्थि रोग के मरीजों के ऑपरेशन होने से लोगों एमबीएस के चक्कर कम हो गए है।

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