करौली। करौली राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील जिला शाखा करौली की ओर से प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों को प्राथमिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी एल वन, एल टू लेवल के शिक्षकों को लगाए जाने पर विरोध व्यक्त किया गया है। इस प्रक्रिया को शीघ्र प्रभाव से रोकने की मांग की गई है। इस संबंध में संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपकर 6 डी की प्रकिया को तत्काल रोकने की मांग की है। संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामनिवास पाराशर व जिला अध्यक्ष करौली मुकेश सारस्वत ने बताया कि 6 (3) नियम पूर्व में 6 डी का नियम कहलाता था। इसके माध्यम से पंचायत राज से शिक्षा विभाग के रिक्त पदों का 75%,शिक्षकों को उनकी सहमति के आधार पर शिक्षा विभाग में कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाता था। तब पंचायती राज अलग विभाग था। अब शिक्षा विभाग में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा अब एक ही है।
पूर्व में पंचायत राज की वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों की स्वेच्छा से सेटअप परिवर्तन किए जाने का प्रावधान था। उन्होंने बताया कि माध्यमिक विद्यालय के तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 5 वर्ष के अध्यापन अनुभव पर वह शिक्षा विभाग की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने की योग्यता अर्जित कर लेते थे। माध्यमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक वहीं बन पाता था जो माध्यमिक विद्यालय की कक्षाओं में 5 वर्ष का अध्यापन अनुभव रखता था। गत कांग्रेस सरकार में यह नियम बाध्यता यानी 5 वर्ष के माध्यमिक कक्षाओं के अध्यापन संबंधी हटा दी गई थी। प्रा. शिक्षा,पंचायतराज व माध्यमिक शिक्षा के अध्यापन अनुभव को बराबर मान लिया गया था। गौरतलब है कि पिछले शासनकाल में संबंधित नियम लागू होने के बाद न्यायालय में मामले गए। कोर्ट के आदेश से कई प्रकरणों में सेटअप परिवर्तन पर रोक लगाते हुए उन्हें पुनः प्रारंभिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में ही समायोजित करने के आदेश भी दिए गए। ज्ञापन देने वालों में जिला कोषाध्यक्ष पीयूष शर्मा, ब्लॉक करौली अध्यक्ष सतीश नामदेव,व्रजराज सिंह जादौन,पवन शर्मा,पन्नू सिंह माली व रवि बंसल आदि उपस्थित थे।