राजसमंद। नाबालिग लड़की को शादी का झांसा देकर जबरन ले जाकर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। पॉक्सो कोर्ट के जज सुनील कुमार पंचोली ने सजा सुनाते हुए सजा के साथ 14 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है .विशेष लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य के अनुसार एक मई 2018 को पीड़िता की मां ने भीमा थाना में तहरीर दी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि 9 अप्रैल 2018 को सुबह करीब 10.30 से 11 बजे के बीच उसकी बेटी ससुराल जाने के लिए निकली थी. फिर शाम को ससुराल बुलाया तो पता चला कि बेटी ससुराल नहीं पहुंची है। जिस पर आस-पड़ोस, रिश्तेदारों ने सभी जगह तलाश की लेकिन बेटी का पता नहीं चला।
रिपोर्ट के आधार पर थाना पुलिस ने भीम की ओर से मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच में सामने आया कि आरोपी प्रभु लाल द्वारा पीड़िता से जबरन शादी करने की नीयत से पहले उसने उससे जान पहचान कर उससे दोस्ती की और जबरन दुष्कर्म किया. आरोपी पीड़िता को गांधीनगर गुजरात ले गया था, जहां उसने 4 महीने तक उसे अपने पास रखा. इस दौरान उसके साथ दुष्कर्म किया और गर्भवती भी हो गई। पीड़िता व राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश विशेष लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य व अधिवक्ता गोपाल कृष्ण जाट ने कोर्ट में 14 गवाह व 34 दस्तावेज पेश किए. पॉक्सो कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी प्रभु लाल पिता दुर्गा राम निवासी काहरी थाना देवगढ़ पर 14 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और 10 साल की सजा सुनाई।