नदियों और नालों के आसपास कूड़ा-कचरा डालने से जल स्रोतों में बढ़ रहा है प्रदूषण
सिरोही। सिरोही सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बांधों, नदियों व अन्य जलस्रोतों के आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल व रिसोर्ट के लिए जमीन लीज पर देने जा रही है, जबकि सरकार का यह फैसला पर्यावरण को खतने में डालने वाला साबित होगा। वर्तमान में जहां भी बांधों व नदियों व वन्य क्षेत्र के आसपास होटल, रिसोर्ट चल रहे हैं, उस क्षेत्र में पहले से ही हालात विकट है। सिरोही जिले के आबूरोड में शहर के मध्य से गुजरने वाली बनास नदी समेत क्षेत्र के नदी-नालों में कचरा डालने से नदी प्रदूषित हो रही है। बनास नदी में शहरी क्षेत्र में नगरपालिका कार्यालय से अमरापुरी शमशान घाट व मानपुर रजवाड़ा पुल के पास एवं ग्रामीण क्षेत्र में चंद्रावती, मावल, सांतपुर व किवरली के आसपास कचरा डाला जा रहा है। डाक बंगले के पास नगरपालिका ने डम्प पोस्ट बनाया हुआ है।
कुछ वर्ष पूर्व तक नगरपालिका कार्यालय के पास व अमरापुरी श्मशान घाट के पास नदी के किनारे कचरा डाला जा रहा था। इसके अलावा लुनियापुरा नाले में भी डाला जा रहा कचरा बनास नदी में जाता है। बनास नदी में अन्य कई स्थानों पर होटलों व रेस्तराओं का कचरा डाला जा रहा है। जिससे नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। शहरी क्षेत्र में मानपुर शमशान घाट के पास, रजवाड़ा पुल के पास, सांतपुर शमशान घाट के पास, किवरली, चंद्रावती, मावल आदि स्थानों पर नदी में कचरा डाला जा रहा है। बनास नदी के मानसून में पूरे वेग से चलने पर ये सारा कचरा भी नदी को प्रदूषित करता है। नदी-नालों के आसपास होटलों व व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से इन जलस्रोतों के अधिक प्रदूषित होने का भी खतरा मंडरा रहा है।