राजस्थान: बांसवाड़ा जिले के दानापुर इलाके में बीच रास्ते में एंबुलेंस का तेल खत्म होने के कारण एक मरीज की मौत हो गई। मरीज के बेटी-दामाद ने एंबुलेंस को एक किलोमीटर तक धक्का भी दिया, मगर मरीज की जान नहीं बचाई जा सकी। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक, दानापुर के रहने वाले 40 साल के तेजिया की अचानक तबीयत खराब हो गई थी। परिजनों ने राजस्थान सरकार की 108 एंबुलेंस को कॉल करके बुलाया। तेजिया को 108 एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाया जा रहा था। रास्ते में बांसवाड़ा से करीब 10 किलोमीटर दूर रतलाम रोड पर टोल के पास एंबुलेंस रुक गई। पता चला कि एंबुलेंस में तेल खत्म हो गया था।
एंबुलेंस सड़क पर खड़ी हो गई तो मरीज के बेटी-दामाद और अन्य लोगों ने धक्का मारकर एक किलोमीटर तक पहुंचाया। मगर फिर धक्का मारने वाले भी थक गए और तबीयत बिगड़ने के कारण तेजिया की मौत हो गई। मामले में बांसवाड़ा सीएमएचओ ने कहा, हमें घटना के बारे में पता चला और जांच शुरू कर दी है। पीड़ित के परिजनों से मिलेंगे और लापरवाही के बारे में पता करेंगे। 108 एंबुलेंस का संचालन निजी एजेंसी की ओर से किया जा रहा है। उसी के पास एंबुलेंस के रखरखाव की जिम्मेदारी है।
मामले में CMHO हीरालाल ताबियार ने कहा है, जांच शुरू कर दी गई है। 108 एंबुलेंसों को एक निजी एजेंसी की ओर से संचालित किया जाता है। एजेंसी राज्य सरकार की ओर से अधिकृत है। कंपनी के ऊपर एंबुलेंस के रखरखाव का ज़िम्मा होता है। कहां लापरवाही रही है, यह जांच के बाद सामने आएगा।
वहीं, राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने मामले को लेकर कहा कि अगर एंबुलेंस में पेट्रोल खत्म हो गया और मरीज़ की मौत हो गई है तो यह व्यवस्था की असफलता नहीं है, बल्कि प्रबंधन की असफलता है। जो भी व्यक्ति इसके ख़िलाफ ज़िम्मेदार हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोर्स - दैनिकदेहात
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