जयपुर। कुछ समय पहले दिल्ली और राजस्थान पुलिस ने नकली नोट सप्लाई के मामले में दो अलग-अलग कार्रवाई की। इन दोनों कार्रवाई में एक नाम कॉमन था 'शिवलाल'। राजस्थान पुलिस इस बात से अंजान थी कि नकली नोटों के मामले में पकड़े गए आरोपी जिस शिवलाल का जिक्र कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड है।
जब शिवलाल की प्रोफाइल को खंगाला गया तो पता चला कि आरोपी अजमेर में कोचिंग चला था। इस आरोपी की पिछले एक साल से पुलिस व एसओजी तलाश कर रही थी। नकली नोट को लेकर शुरू हुई ये जांच दिल्ली तक पहुंची तो पता चला कि शिवलाल ने ही कॉन्स्टेबल भर्ती और हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती का फर्जी पेपर भी बेचा था।
एक साल पहले जब आरोपी शिवलाल का कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक में नाम आया तो पुलिस ने इसकी प्रोफाइल खंगाली। सामने आया कि आरोपी शिवलाल अजमेर में नेशनल डिफेंस एकेडमी के नाम से कोचिंग चलाता था। हालांकि अब ये कोचिंग बंद हो चुका है। लेकिन, यहां उसने अपना नाम एसएल चौधरी बता रखा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी काफी दिनों से गांव नहीं आया था। पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन कभी मिला नहीं। एसओजी भी कई बार गांव गई थी, लेकिन वह पकड़ा नहीं गया। इस दौरान वह नकली नोटों का नेटवर्क तैयार कर चुका था।