सावन के अंतिम सोमवार को मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ लग जाती है। मंदिर परिसर चारों ओर हर हर महादेव के जयकारों से गूंज रहा है। शहर से लेकर गांव तक मंदिरों में श्रद्धालुओं की ओर से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई।
श्रावण मास के चौथे सोमवार को मंदिरों में सुबह से ही पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। बम-बम भोले के जय घोष से भगवान शिव की पूजा की जा रही है। सावन महीने के चौथे सोमवार की सुबह श्रद्धालुओं ने मंदिरों में स्थित शिवालय में जलाभिषेक किया।
पंडित बलराम शर्मा ने कहा कि सावन के महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा की जाती है। इस बीच महादेव के अभिषेक के साथ पूजा शुरू होती है। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, संपित्र, कुश से शिव प्रसन्न होते हैं।