जालोर। सन टू ह्यूमन फाउंडेशन इंदौर के तत्वावधान में चल रहे एक नए दृष्टिकोण के साथ 6 दिवसीय शिविर का बुधवार को समापन हुआ। छह दिवसीय शिविर में छोटे-छोटे प्रयोगों द्वारा प्रतिदिन प्रातः 2 घंटे बड़ी संख्या में लोगों को जीवन शैली के सूत्र समझाने का प्रयास किया गया। जिसमें थोड़ी सी समझ विकसित करके कैसे संतुलित भोजन, नाश्ता और व्यायाम कर जीवन को स्वस्थ और सुखी बनाया जा सकता है और दवाओं और अस्पतालों के चक्रव्यूह से छुटकारा पाया जा सकता है।
शिविर समन्वयक कन्हैयालाल खंडेलवाल ने बताया कि सन टू ह्यूमन फाउंडेशन द्वारा आयोजित छह दिवसीय नि:शुल्क शिविर का आज समापन हुआ, जिसका मार्गदर्शन तीन दिवसीय मिशन के प्रणेता परम आलय एवं प्रथम तीन दिवसीय वरिष्ठ प्रशिक्षक मैत्रयी मां ने किया. इस अनूठे ज्ञान का लाभ उठाने के लिए अगले वर्ष फिर से बड़े पैमाने पर शिविर का आयोजन किया जाएगा। परम आलय ने प्रयोगों द्वारा छोटे-छोटे सूत्रों के माध्यम से कहा कि हमने अब तक केवल पशु के स्तर पर ही जीना सीखा है, जबकि इस जीवन में हमें मनुष्य के रूप में और उससे आगे की यात्रा करनी है। मानव जीवन दुर्लभ है, आखिर इसका एहसास कब होगा जब जीवन हर पल बीत जाएगा।
उन्होंने कहा कि भोजन ही एकमात्र ऊर्जा है जो शरीर, मन और चेतना के स्तर को निर्धारित करती है। इसलिए पेट में किसी चीज को डालने से पहले सबसे पहले यह ध्यान करना जरूरी है कि यह किस तरह की ऊर्जा पैदा करने वाली है। इस मौके पर सांचौर के समाजसेवी प्रकाश कानूनगो, कन्हैयालाल खंडेलवाल, नगर उपाध्यक्ष प्रेमराज बोहरा, आचार्य राज रवींद्र ट्रस्ट, गोवानी परिवार, जोगाराम चौधरी, भारत शर्मा, मारवाड़ चेतना फाउंडेशन, आरडी फाउंडेशन, नाहर अस्पताल, नरेश अग्रवाल, जयरूपराम माली, भरत शर्मा , राजू भाई जैन, हुकम राज मेहता, मुकेश माहेश्वरी आदि ने सभी व्यवस्थाओं में सहयोग किया।