विधान सभा ने ध्वनिमत से पारित किए 4 संकल्प प्रस्ताव - मणिपुर घटनाक्रम, ईआरसीपी, किसान ऋण माफी
राज्य विधान सभा द्वारा सोमवार को सदन में प्रस्तुत मणिपुर घटनाक्रम, ईआरसीपी, किसान ऋण माफी एवं जातिगत जनगणना से सम्बन्धित चार अलग-अलग संकल्प प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किये गए।
पहला प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल द्वारा मणिपुर राज्य में कानून-व्यवस्था की चिन्ताजनक स्थिति को लेकर पेश किया गया। प्रस्ताव में उल्लेखित किया गया कि मणिपुर में विभिन्न वर्गों के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से कानून-व्यवस्था की स्थिति चिन्ताजनक बनी हुई है तथा हालात निरन्तर बिगड़ रहे हैं। राजस्थान विधान सभा केन्द्र सरकार से आग्रह करती है कि अविलम्ब सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि देशहित में वहां पर शांति स्थापित हो सके।
दूसरा संकल्प प्रस्ताव जल संसाधन मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया ने प्रस्तुत किया। प्रस्ताव में उल्लेख किया गया कि पूर्वी राजस्थान के लिए सिंचाई एवं पेयजल की निरन्तर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की महत्ता के दृष्टिगत यह सदन केन्द्र सरकार से आग्रह करता है कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जाए।
तीसरा संकल्प प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि प्रदेश के गांवों के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान हेतु यह सदन केन्द्र सरकार से आग्रह करता है कि देश के अन्नदाता किसानों को राहत प्रदान करने के लिए राष्ट्रीयकृत एवं व्यावसायिक बैंकों के ऋणी किसानों हेतु कृषक ऋण माफी योजना लाई जाए।
चौथा संकल्प प्रस्ताव आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री श्री गोविन्दराम मेघवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव में उल्लेखित किया गया कि देश के समग्र सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु यह सदन केन्द्र सरकार से आग्रह करता है कि वर्ष 2011 से 2015 की अवधि के बीच आयोजित की गई सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किये जाएं तथा अब देश में जातिगत जनगणना कराई जाए।