प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में रबी सीजन खत्म होने के बाद आज कृषि विभाग ने खरीफ की बुआई की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं किसानों की निगाहें अभी भी मानसून पर टिकी हुई हैं. आपको बता दें कि विभाग की ओर से इस साल भी बुआई का आंकड़ा बढ़ाया गया है. इस बार जिले में 1 लाख 93465 हजार हेक्टेयर में खरीफ की बुआई का प्लान तैयार किया गया है. हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मानसून को देखते हुए लक्ष्य में बदलाव संभव है। जल्द ही विभाग की ओर से बीज की मिनी किट भी वितरित की जायेगी. इसके लिए विभाग को 50 हजार मिनी किट प्राप्त हो गये हैं. रबी खत्म होने के बाद कृषि विभाग ने खरीफ फसल उत्पादन कार्यक्रम तैयार किया है. विभाग ने इस बार खरीफ का रकबा बढ़ाते हुए पिछले साल से 6 हजार हेक्टेयर ज्यादा बुआई का लक्ष्य रखा है। जबकि पिछले साल जिले में 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर में खरीफ की बुआई हुई थी. इसमें ज्वार, बाजरा, मक्का, दालें, मूंग, उड़द, मोठ, चीला, अरहर, तिलहन, मूंगफली, सोयाबीन, अरंडी, गन्ना, कपास, ग्वार आदि फसलें शामिल थीं। दूसरी ओर, राज्य में मानसून की तारीख नजदीक आते ही किसान अपने खेतों को तैयार करने में जुट गए हैं. मौसम विभाग ने आमतौर पर 25 जून से 10 जुलाई के आसपास राज्य में मानसून आने की संभावना जताई है. इसके चलते किसान खाली पड़े खेतों की ट्रैक्टर से जुताई करने की तैयारी कर रहे हैं. ताकि बारिश होने पर पानी खेत में ही समा जाए। जुताई के बाद किसान फसल की बुआई शुरू कर देंगे.
प्रदेश में मानसून की तारीख नजदीक आने के साथ ही किसानों ने खेतों को तैयार करने की तैयारी शुरू कर दी है. मौसम विभाग के अनुसार 19 जून तक जिले में औसत की 17 फीसदी बारिश हो चुकी है. इसके चलते खाली पड़े खेतों की किसान ट्रैक्टर से जुताई और जुताई की तैयारी कर रहे हैं। अरनिया निवासी मोहन लाल ने बताया कि बारिश होने पर खेत में ही पानी जमा हो जाता है। जुताई के बाद किसान फसल की बुआई शुरू कर देंगे. विभाग ने इस बार खरीफ का रकबा बढ़ाकर पिछले साल की तुलना में 6 हजार हेक्टेयर अधिक रकबे में बुआई का लक्ष्य रखा है। जबकि वर्ष 2021 में जिले में एक लाख 86 हजार हेक्टेयर में ही खरीफ की बुआई हुई है. वर्ष 2022 में एक लाख 87 हजार 882 हेक्टेयर में खरीफ बुआई का लक्ष्य रखा गया था। इसके बाद विभाग ने इस साल 1 लाख 93 हजार 465 हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य रखा है. कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे बीजोपचार के बाद ही खरीफ की बुआई करें. संयुक्त निदेशक कृष्ण कुमार ने बताया कि फसलों को विभिन्न रोगों से बचाने एवं बेहतरी के लिए बीजोपचार आवश्यक है। खरीफ बुआई के लक्ष्य को पूरा करने और बेहतर पैदावार के लिए विभाग किसानों को जानकारी देकर जागरूक कर रहा है। जल्द ही बीज के मिनी कीट का वितरण भी शुरू कर दिया जाएगा।