बूंदी। बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य में शुक्रवार से जंगल सफारी शुरू हो गई. खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना ने दलेलपुरा स्थित वन नाका से जंगल सफारी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. बूंदी अब टाइगर रिजर्व में सफारी कराने वाला प्रदेश का तीसरा जिला बन गया है। रणथंभौर और सरिस्का में पहले से ही सफारी चल रही है. पहले दिन 3 जिप्सियों से 4 विदेशी और 14 भारतीय पर्यटकों को जंगल सफारी पर ले जाया गया। राज्य मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू होने से पूरे जिले को काफी फायदा होगा. आने वाले समय में युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे। साथ ही विकास के नये आयाम स्थापित होंगे। देश के कोने-कोने से आने वाले पर्यटक खुश होंगे और क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके लिए वन विभाग के सभी अधिकारी बधाई के पात्र हैं। कलेक्टर डॉ. रवीन्द्र गोस्वामी ने टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी शुरू होने पर जिलेवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इससे पर्यटन के क्षेत्र में उछाल आएगा। आने वाले दिनों में बूंदी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
उप वन संरक्षक एवं रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उप क्षेत्र निदेशक संजीव शर्मा ने कहा कि बूंदी के लिए यह ऐतिहासिक दिन है. पर्यटन बढ़ने से लोगों को रोजगार मिलेगा और विकास होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से बूंदी में अपार विकास होगा। रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभयारण्य की कई विशेषताएं हैं। यह लगभग 1500 वर्ग कि.मी. है। इसमें 500 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया जंगल में फैला हुआ है. जंगल सफारी के रूट पर बाघ, तेंदुआ, चीतल, हिरण, भालू, जंगली बिल्ली, सांभर, लोमड़ी, नीलगाय, चीतल, बारासिंघा, बंदर, लंगूर, नेवला, गिलहरी देखी जा सकती हैं। इसके अलावा मोर, बटेर, कबूतर, बगुला, चील, गिद्ध, उल्लू, गौरैया, तोता समेत 100 से अधिक पक्षी देखने को मिलेंगे। रामगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए घरेलू पर्यटकों को प्रति पर्यटक 780 रुपये चुकाने होंगे. वहीं, विदेशी पर्यटकों को प्रति पर्यटक 1150 रुपये चुकाने होंगे. छात्रों को 700 रुपये में जंगल सफारी करायी जायेगी. इस दौरान मुख्य वन संरक्षक कोटा महेश गुप्ता, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कुमार चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरीलाल, पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह, जिला खेल अधिकारी वाईबी सिंह, सतीश गुर्जर, कुलदीप सिंह, पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक विट्ठल सनाढ्य रहे।