दहेज में बाइक न लाने पर पति और ससुर ने विवाहिता की कर दी थी हत्‍या

Update: 2023-03-30 06:55 GMT
जयपुर। जिले की अपर जिला अदालत ने 7 साल पुराने दहेज हत्या के मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में मृतक विवाहिता के आरोपी पति व ससुर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मामले के अन्य आरोपी मृतक की सास और देवर को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लिखा कि इससे समाज में कड़ा संदेश जाएगा.दरअसल, मायके से दहेज में बाइक नहीं लाने पर आरोपित पति व ससुर ने विवाहिता की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को नमक की बोरी में भरकर जंगल में फेंक दिया, ताकि शव की शिनाख्त न हो सके। विवाहिता के परिजनों ने उसके कपड़ों के आधार पर उसकी शिनाख्त की थी, जिसके बाद उसके ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज किया गया था.
हरियाणा के मनसीर निवासी संगीता की शादी वर्ष 2013 में अलवर निवासी टिंकू से हुई थी। शादी के बाद ससुराल पक्ष ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिसके बाद दहेज में मायके से बाइक नहीं लाने पर आरोपित पति व ससुर ने गला दबा कर हत्या कर दी. इस मामले में मायके वालों ने ससुर रोहिताश, पति टिंकू, सास लक्ष्मी देवी व देवर राजेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था.
कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में लिखा था कि ऐसे अपराधों में सख्ती बरती जाए, जिससे समाज में कड़ा संदेश जाए। दोषियों को सजा दिलाने में नरमी बरतना कतई जायज नहीं है। ऐसे मामले में अपराध की गंभीरता, अपराध की प्रकृति और मामले के सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है।
नीम थाना क्षेत्र द्वारा जांच के बाद चालान न्यायालय में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान अपर जिला न्यायालय ने मृतका के पति व ससुर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं मृतका की सास व देवर को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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