झोलाछाप नर्सिंग ऑफिसर को गर्भपात कराने का माना दोषी, जाँच के घेरे में अस्पताल

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Update: 2023-01-12 11:15 GMT
दौसा मानपुर कस्बे की महोदव ढाणी निवासी सीता सैनी की प्राईवेट क्लीनिक पर गर्भपात के बाद तबीयत बिगड़ने से एसएमएस अस्पताल जयपुर में हुई मौत के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने निदेशालय को रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। जांच टीम ने प्राथमिक तौर पर बिना रजिस्ट्रेशन एवं प्रशिक्षण के प्राईवेट क्लीनिक पर गर्भपात (डीएनसी) कराने वाले नर्सिंग ऑफिसर को दोषी माना है। विभाग अधिकारियों के अनुसार जल्द ही निदेशालय स्तर से नर्सिंग ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
सीएमएचओ डॉ. सुभाष बिलोनिया ने बताया कि मानपुर में गर्भवती महिला का बच्चा खराब होने की स्थिति में कस्बे में ही संचालित नर्सिंग केयर सेंटर पर राजकीय अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर सूरज मीना के द्वारा गर्भपात कराने के प्रकरण को लेकर निदेशालय स्तर से गठित की गई डिप्टी सीएमएचओ (परिवार कल्याण) डॉ.दीपक शर्मा, सिकंदरा ब्लॉक सीएमएचओ डॉ.पुष्पेंद्र बैरवा एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्चना मीना की टीम गठित की गई थी। टीम ने दो दिन में जांच कर रिपोर्ट निदेशालय को भिजवाई है।
टीम ने बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे प्राईवेट क्लीनिक पर नर्सिंग ऑफिसर को बिना प्रशिक्षण एवं संसाधनों के अभाव में महिला का गर्भपात कराने का दोषी माना है। सिकंदरा ब्लॉक सीएमएचओ डॉ.पुष्पेंद्र ने बताया कि ढाणी निवासी मृतका के पति लक्ष्मण सैनी के बयान दर्ज कर उपचार के दस्तावेजों की जांच पड़ताल की गई। इसमें बांदीकुई में करवाई गई सोनोग्राफी रिपोर्ट में 7 वीक का बच्चा खराब होना पाया गया। एक जनवरी को परिजन महिला को मुकेश सैनी नाम के मेडिकल संचालक की सलाह पर प्राइवेट क्लीनिक पर ले गए। जहां मौजूद सरकारी अस्पताल के नर्सिंग ऑफिसर ने महिला को हायर सेंटर भेजने की बजाय स्वयं ही गर्भपात कराने की लापरवाही कर दी।

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