टोंक। टोंक आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक्सपायर्ड मुरमुरे बांटने का मामला सामने आने के बाद बच्चों को इसके पैकेट बांटने पर रोक लगा दी गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक ने अधीनस्थ अधिकारियों को बिना तिथि जांचे बच्चों को मुरमुरा नहीं खिलाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है. अब इनकी सप्लाई हर महीने आएगी, ताकि एक्सपायरी डेट का झंझट न हो। जिले में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए सरकार द्वारा रेडीमेड मुरमुरे एवं अन्य खाद्य सामग्री खिलाई जा रही है. पिछले दिनों आंगनबाड़ी केंद्रों पर ग्राउंड में जाकर स्थिति देखी तो बच्चे एक्सपायरी डेट के मुरमुरे खाते पाए गए।
जब इसकी खबर को प्रमुखता से छापा तो अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक सरोज मीणा ने सभी अधिकारियों को अवधी भर में मुरमुरा नहीं बांटने के निर्देश दिए हैं और मामले की जांच की जा रही है. जांच में लापरवाही पाए जाने पर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मीना ने बताया कि अब से हर माह मुरमुरे की आपूर्ति की जायेगी. जिले में करीब डेढ़ हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें शासन के आदेशानुसार 6 वर्ष तक के लगभग 65 हजार बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। इनमें से 3 साल से 6 साल के बच्चे को रोजाना 75 ग्राम मुरमुरे खिलाए जाते हैं।