शहर के मुख्य बाजार की सड़कों पर अतिक्रमण से यातायात व्यवस्था फिर से चरमराई

Update: 2023-05-27 10:11 GMT
सिरोही। शहर के मुख्य बाजार पर फिर से स्टेंट बोर्ड लग रहा है, डीटीसी के बाहर सामान रखने से यातायात व्यवस्था फिर से चरमरा गई है। शहर के उपभोक्ताओं के आसपास वाहन पार्किंग की सुविधा नहीं होने से और ज्यादा खराब हो जाती है। निर्णय हटाओ अभियान खत्म होने के बाद निगरानी न होने के कारण निगरानी की कमी में जल्दबाजी ने फिर से निर्णय के बाहर स्टेटेंट बोर्ड, सामान्य और सीधा रूप से ब्रेक के कारण कमजोर के कारण मिनी मुंबई जाने वाले कहने वाले शिवगंज के बाजारों में गिरने वालों को चलने में भी भारी भरकम लोगों का सामना करना पड़ रहा है। आरोपित है कि नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर पिछले ही अभियान चलाकर शिवगंज के दाताओं से दाखिले का दावा हटा लिया था। लेकिन, अभियान के बाद लचर मॉनिटरिंग के कारण उपभोक्ताओं की परिस्थितियां फिर से पहले जैसी हो जाती हैं। बाजार में दुपहिया वाहन तो लगातार चढ़ते जा रहे हैं, जबकि महत्वपूर्ण के लिए पार्किंग स्थल नहीं होने से अधिकांश दुपहिया वाहन अपनी स्थिर के बाहर ही सड़क पर रुके जा रहे हैं। इसमें कई ड्राइवर तो अपने वाहन अवस्थित रूप से सड़क पर ही ब्रेक कर रहे हैं।
जैसे राहगीरों को आने में परेशानी हो रही है। बाजार में करीब 3000 से अधिक दुपहिया वाहन हैं, जिनमें 2000 से अधिक वाहन चलने पर ही रुके जा रहे हैं। यह परिस्थिति तब भी बनी रहती है जब मुख्य बाजार में ऑटो जारी होते हैं और सुबह 7 बजे से 8 बजे तक चार पहियों का प्रवेश निषेध होता है। इनका प्रवेश पुराना बस स्टैंड, आजाद चौक, बड़गांव रोड स्थित अंबिका चौक, होली चौक तक है। इसके आगे बाजार में पैदल चलना पड़ता है। जबकि इसके पहले पूरे बाजार में दुरूह गंभीर प्रवेश था, एक समय में ग्राहकों की खरीदारी के लिए संबंधित चिंताओं पर पहुंच और लेन-देन करने वाले सामानों को ले जाने की सुविधा थी। लेकिन वर्तमान में ग्राहकों को स्वयं सामान लेना पड़ रहा है या इसके लिए श्रमिकों को अलग से काम करना पड़ रहा है। शहर के लगभग सभी एमईज़र्स में अभियान खत्म होते ही ब्रोकर ने स्टैंड, बोर्ड और सामान की दुकानों के बारे में रखना शुरू कर दिया था। लेकिन, अग्रसेन रोड, कलापुरा रोड, गांधी चौक, गजानन मंदिर के पास, धान का बाजार, आरके कॉम्पलेक्स, पुरानी सब्जी का बाजार, हलवाई बाजार, सैरगाह, पुराने बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा बुरा हाल है।
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