ताबड़तोड़ पिटाई से फट गई कान की नस, मौत

Update: 2022-08-13 18:59 GMT

न्यूज़क्रेडिट:आजतक 

भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे करने जा रहा है, लेकिन समाज को अभी भी छुआछूत से आजादी नहीं मिली है. राजस्थान के जालोर में जातिगत भेदभाव और छुआछूत की इसी बुराई ने 9 साल के एक मासूम दलित बच्चे की जान ले ली है.

मामला जालोर जिले के सायला उपखंड क्षेत्र के सुराणा गांव का है. यहां 9 साल के एक बच्चे ने जब स्कूल के मटके को पानी पीने के लिए छुआ, तो उसे स्कूल टीचर ने इतना पीटा की उसकी कान की नस फट गई. इसके बाद बच्चे को इलाज के लिए उदयपुर रेफर किया और फिर उदयपुर से अहमदाबाद भेजा गया. शनिवार को अहमदाबाद में शाम चार बजे के आसपास उपचार के दौरान बच्चे की मौत हो गई.

इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है- जालौर के सायला थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मारपीट के कारण छात्र की मृत्यु दुखद है. आरोपी शिक्षक के विरुद्ध हत्या व SC/ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जा चुकी है. मामले की तेजी से जांच और दोषी को जल्द सजा के लिए इसे केस ऑफिसर स्कीम में लिया गया है. पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा. मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी.जालोर पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी जालोर सीओ को सौंपी गई है. पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा भी लिया है. राजस्थान के शिक्षा विभाग ने इस मामले में जांच समिति गठित की है. जबकि जालौर एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल ने मृतक के घर जाकर पूरी घटना की जानकारी ली है.

घटना 20 जुलाई की सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की है. जहां तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले दलित बच्चे के मटका छूने पर स्कूल के संचालक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी. इतना ही नहीं बच्चे को जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया गया. इस मामले में पुलिस ने जातिसूचक शब्द से अपमानित करने और मारपीट के बाद छात्र की हत्या का मामला दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि छात्र ने उस मटकी से पानी पिया जो अध्यापक छैल सिंह के लिए अलग से रखी हुई थी. बच्चे के साथ मारपीट करने से उसके दाहिने कान और आंख में अंदरूनी चोटें आई थीं.

दलित बच्चे के साथ मारपीट की घटना और उसकी मौत के बाद अब इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. दलित नेता और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने इस बारे में ट्वीट कर कहा है- देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. वहीं दूसरी तरफ पानी के मटके को छूने पर इतना पीटा गया कि जान ही चली गयी. आजादी के 75 साल बाद भी 9 साल के दलित बच्चे को जालोर मे जातिवाद का शिकार होना पड़ा. हमें पानी के मटके को छूने की भी आजादी नहीं, फिर क्यों आजादी का झूठा ढिंढोरा पीट रहे हैं?

वहीं इस मामले में राजसमंद से बीजेपी सांसद दिया कुमारी ने कहा है-अत्यंत दुःखद, राजस्थान में कांग्रेस के राज में शिक्षा का मंदिर ही जातिगत भेदभाव और अत्याचार का केंद्र बन गया है. राजस्थान के जालौर जिले में शिक्षक ने एक मासूम बच्चे को पानी पीने की सजा मौत के रूप में दी है. प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है.

इस घटना को लेकर एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि वो 15 अगस्त को जालोर के सुराणा गांव जाएंगे खिलाड़ी. बैरवा वहां पीड़ित बच्चे के परिजनों से मुलाकात करेंगे.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा- स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक मासूम बच्चे को पानी पीने की सजा टीचर की पिटाई से मौत के रूप में मिली है. राजस्थान को ये किस सामाजिक वातावरण में झोंका जा रहा है जहां एक ओर तुष्टिकरण का पक्षपात तो दूसरी ओर जातिगत श्रेष्ठता का जहर पसर रहा है.




 


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