चूरू। चूरू दुष्कर्म, पॉक्सो व दलित अत्याचार के मामलों की समय पर जांच और चालान पेश नहीं होने के कारण मामले प्रक्रिया में उलझे रहते हैं. वहीं राजस्थान में चूरू जिले की पुलिस की बात करें तो 60 दिनों के अंदर रेप, पॉक्सो और एससीएसटी के मामलों की जांच कर संबंधित कोर्ट में चालान पेश किया गया है. यही कारण है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा प्रदेश की जारी रैंकिंग में प्रदेश की राजधानी समेत सभी जिलों को पीछे छोड़कर चूरू जिला राजस्थान में प्रथम स्थान पर है।
एसपी दिगंत आनंद के नेतृत्व में जिले की पुलिस ने बेहतर कार्य कर शीर्ष स्थान हासिल किया है। चूरू जिले में वर्ष 2022 में अब तक दुष्कर्म के 147, पॉक्सो के 131 व एससी-एसटी एक्ट के 266 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. एसपी डी आनंद ने बताया कि आईटी एसएसओ पोर्टल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने करीब छह महीने पहले बनाया था। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल में रेप, पॉक्सो और एससी-एसटी जैसे मामले शामिल थे. इनमें मामला दर्ज होने के करीब 60 दिनों के भीतर जांच के बाद चालान पेश करना होता है। इसमें चूरू जिला पुलिस ने बेहतर काम किया है। इस वर्ष 1 जनवरी से 22 दिसंबर तक तीनों श्रेणियों में 75 प्रतिशत प्रकरणों के निस्तारण के साथ चूरू राजस्थान में प्रथम स्थान पर रहा है। राज्य में श्रीगंगानगर, जोधपुर सिटी वेस्ट तीसरे, बारां चौथे और कोटा ग्रामीण पांचवें स्थान पर है। दिलचस्प बात यह है कि जयपुर सिटी साउथ मामलों के निस्तारण में राज्य में सबसे निचले पायदान पर है।