जयपुर। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा में पास करने के एवज में छात्र से सम्मान मांगने वाले एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार पर गुरुवार को छात्रों व वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा। मामले को लेकर दिनभर हंगामा होता रहा। सुबह विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र परिसर का मुख्य गेट तोड़कर अंदर दाखिल हुए। एक छात्र कुलपति प्रो. एसके सिंह पर जूता फेंकने का प्रयास किया। वहीं, कोर्ट परिसर में वकीलों ने आरोपी गिरीश परमार और अर्पित दोनों की पिटाई कर दी। उधर, कुलपति ने एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और ईआइसी शाखा के अंतिम वर्ष के छात्र अर्पित को निलंबित कर दिया। अदालत ने दोनों आरोपियों को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।
सुबह 10.30 बजे छात्र संगठनों ने आरटीयू के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया। आक्रोशित छात्र गेट तोड़कर अंदर घुस गए। भीड़ के बीच एसपी केसर सिंह व कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, एक बाहरी छात्र दीपांशु माथुर, कुलपति प्रो. एसके सिंह पर जूता फेंकने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। एसपी केसर सिंह शेखावत ने माइक पर छात्रों को समझाया। अन्य पीड़ितों को भी सबूत के साथ पुलिस के पास आने के लिए कहा गया ताकि उचित जांच और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके बाद छात्र शांत हुए। शाम को पुलिस कड़ी सुरक्षा में आरोपी परमार और अर्पित को लेकर कोर्ट पहुंची। इस दौरान परिसर में भीड़ मौजूद रही।
जैसे ही पुलिस कोर्ट परिसर में दाखिल हुई, वहां मौजूद एक वकील ने आरोपी परमार को थप्पड़ जड़ दिया। पुलिस तुरंत वकील को दूर ले गई और आरोपी को सीढ़ियों से ऊपर ले गई। सुनवाई के दौरान परिसर पुलिस छावनी बना रहा। आरोपियों को पेश करने के बाद पुलिस उन्हें लाने लगी, तब भी वकीलों ने सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आरोपी परमार पर हमला कर दिया। वकीलों के साथ पुलिस और एटीएस के जवानों की झड़प हुई। पुलिस ने तुरंत दोनों को एक कार में बिठा लिया। इसके बाद भी वकीलों और पुलिस में झड़प होती रही। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एडिशनल एसपी महिला अपराध उमा शर्मा के नेतृत्व में डीएसपी अमर सिंह को जांच सौंपी गई है।