कर्मचारियों की ठेका प्रणाली खत्म कर संविदा पर लगाने और सैलरी बढ़ाने की मांग
जैसलमेर। जैसलमेर जिले के 108 व 104 एंबुलेंस ने कर्मचारियों ने शनिवार से चक्का जाम कर लिया है। शनिवार से प्रदेशव्यापी आह्वान पर जिले की सभी आपातकालीन 108/104 व जननी एक्सप्रेस सेवाएं बंद हो गई है। एंबुलेंस चलाने वाले कर्मचारियों के स्ट्राइक पर चले जाने से सेवाएं ठप हो गई है। एम्बुलेंस कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें भी ठेका प्रणाली से मुक्त कर संविदा पर लगाया जाए। इसके साथ ही उनकी सैलरी को बढ़ाया जाए। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि मांग नहीं मानी गई तो ये चक्का जाम लगातार जारी रहेगा।
108 एम्बुलेंस जैसलमेर शहर के शिवपाल गर्ग ने बताया कि उनको संविदा कर्मियों में शामिल किया जाए। वे लोग लंबे समय से सेवा दे रहे हैं। उनकी सैलरी आज भी 8 से 10 हजार के बीच है जबकि यूटीबी में लगे लोगों की सैलरी सरकार ने बढ़ाकर 37 हजार कर दी है। ऐसे में उनकी मांग है कि उनकी भी सैलरी को बढ़ाया जाए और यूटीबी की तर्ज पर सैलरी 8 घंटे ड्यूटी व समान काम समान वेतन की मांग है। रात 12 बजे से चक्का जाम पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवाएं जैसलमेर में 16 एम्बुलेंस 108 की, 13 एम्बुलेंस 104 की और 10 एम्बुलेंस ममता एम्बुलेंस की है। इन सभी 39 एम्बुलेंस में करीब 140 कर्मचारी सेवा देते हैं। ऐसे पूरे राजस्थान में 8000 हजार कर्मचारी कार्यरत है। शिवपाल ने बताया कि सभी पायलट की 9000 रुपए वेतन ओर नर्सिंग स्टाफ की 10500 रुपए वेतन दे रहे है। एम्बुलेंस सेवा 2008 से 4400 रुपए महीना से शुरू की थी आज हमारा वेतन 9 हजार से 10,500 रुपए तक ही दे रहे है। अभी राजस्थान सरकार ने ठेका प्रथा बन्द करने के लिए कमेटी बनाई है। सरकार ने यूटीबी वालों का वेतन 7900 रुपए से बढ़ाकर 37500 रुपए कर दिए तो हमे भी यूटीबी की तर्ज पर वेतन दे और 8 घंटे का डयूटी टाइम करें।