कोटा। शहर के उधोग नगर थाना क्षेत्र में डीसीएम के पीछे खाल में एक युवक की क्षत विक्षत लाश मिली। जिसकी पहचान रोझड़ी निवासी नेमीचंद गुर्जर (30) के रूप में हुई। नेमीचंद 14 दिन से लापता था। 26 सितंबर की दोपहर में उसकी बॉडी मिली। गले में रस्सी बंधी हुई थीं। शव को जानवर नोच चुके थे। पुलिस इसे सुसाइड मान रही है। जबकि परिजनों के कहना है कि नेमीचंद सुसाइड नहीं कर सकता। उन्होंने हत्या की आशंका जताई है। भांजे बलवीर ने बताया कि उसका मामा नेमीचंद दो हॉस्टल में खुद की मेस चलाता था। हाल ही में 1 सितंबर को दो तीन पार्टनर के साथ मिलकर जवाहर नगर इलाके में फास्ट फूड की शॉप खोली थी। मामा नेमीचंद 12 सितंबर को तड़के रोझड़ी स्थित अपने घर से निकला था।
महावीर नगर प्रथम में स्थित हॉस्टल आया। सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर हॉस्टल से निकले, गोविंद नगर में 6 बजकर 50 मिनट पर लास्ट लोकेशन मिली। उसके बाद पता नहीं लगा। फोन भी बंद आ रहा था। शाम को जवाहर नगर थाने में गुमशुदगी दी थी। 26 सितंबर को पुलिस थाने से फोन से आया।
बलबीर ने कहा मामा के दो बच्चे है। हाल ही में उसने मकान बनवाया है। मेस का काम करने के कारण एक दो दुकानदारों से उधारी से माल आता रहता था। कर्ज में होने जैसी बात की जानकारी नहीं है। 7-8 दिन से मामा नेमीचंद तनाव में चल रहा था। पैसों को लेकर परिवार के कुछ लोगों से बात भी की थी। जिस जगह शव मिला। वहां अकेला व्यक्ति जा नहीं सकता। मौके पर शराब की बोतल व गुटखे के पाउच मिले हैं। मामा नेमीचन्द सुसाइड नहीं कर सकते। पुलिस इस मामले की गम्भीरता से जांच करें। तभी असली कारण सामने आएंगे। उधोग नगर थाना ASI बाबू लाल ने बताया कि 13 सितंबर को नेमीचंद की गुमशुदगी जवाहर नगर थाने में दर्ज हुई थी। जिसकी तलाश की जा रही थी। 26 सितंबर को नेमीचंद की लाश डीसीएम के पीछे भड़कया खाल में मिली। पेड़ पर फांसी का फंदा लगा हुआ था। मृतक की पैंट की जेब से 2500 रुपए, आधार कार्ड पैन कार्ड मिले। परिजनों ने आशंका जताई है। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है।