Dausa: 2 से 15 सितंबर तक ग्राम पंचायत स्तर पर होगा किसान संगोष्ठियों का आयोजन

Update: 2024-08-31 12:07 GMT

Dausa दौसा। इस बार मानसून की अच्छी वर्षा के कारण जिले के बांधों, जलाशयों, फॉर्म पौंड में पानी की पर्याप्त उपलब्धता के मध्यनजर आने वाले रबी सीजन में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) दौसा डॉ प्रदीप कुमार अग्रवाल ने बताया की फसलों की बुवाई के समय किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है। किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भर होने के कारण मांग के अनुरूप डीएपी खाद उपलब्ध कराने में कठिनाई आती है एवं भूमि में संतुलित पोषक तत्वों की भी आपूर्ति नहीं होती है। समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन(आईएनएम) के उद्देश्य से उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जिले के किसानों को कृषि विभाग के माध्यम से आवश्यक तकनीकी सलाह के लिए आगामी रबी सीजन से पूर्व 2 से 15 सितंबर तक प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर किसान संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आस- पास के कृषि आदान विक्रेताओं एवं विभिन्न उर्वरक निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा। किसान संगोष्ठी में किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के उद्देश्य से संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में आवश्यक तकनीकी सलाह दी जााएगी। इसके लिए जिले के समस्त सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षकों एवं कृषि आदान विक्रेताओं को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

कृषि अधिकारी दौसा (प्रशिक्षण) अशोक कुमार मीणा ने बताया कि किसान बुवाई के समय डीएपी खाद के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) व 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट में उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्व यथा- सल्फर, जिंक सल्फेट, बोरोन आदि पोषक तत्व भी उपलब्ध होते हैं। 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं 1 बैग यूरिया में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है। वर्तमान में उपयोग हो रहे उर्वरकों से N: P: K के आदर्श अनुपात 4:2:1 का असंतुलन भी हो रहा है।भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने एवं उर्वरकों के उपयोग में मुख्य पोषक तत्वों अर्थात N:P:K का अनुपात 4:2:1 बनाए रखने हेतु डीएपी के स्थान पर एसएसपी+यूरिया के अलावा एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरक के विभिन्न ग्रेडस यथा - एनपीके 12:32:16, 20:20:0:13, 19:19: 19, 16:16:16, 15:15:15 आदि का उपयोग करना चाहिए। भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाए जाने हेतु कार्बनिक खादों यथा गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, फोम, एलफॉम, ऑर्गेनिक मैंन्योर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उर्वरकों की लागत को कम करने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यूएज तरल उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करना चाहिए। किसान खेतों से मिट्टी नमूने की जांच के आधार पर बनाए गए, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में उर्वरकों का उपयोग करें।
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