भीलवाड़ा। भीलवाड़ा रोडवेज प्रबंधन की लापरवाही ने बुधवार सुबह दो युवकों की जान ले ली। बस स्टैंड परिसर में ठेकेदार ने गन्ने की चरखी के लिए कच्चे तारों को सब मीटर से जोड़ रखा था। तार में कट लगा हुआ था और यह लोहे के पाइप टच हो रहा था। बरसात में पाइप के हाथ लगाते ही दोनों युवा वहीं करंट लगने से चिपक गए। सुभाषनगर थाने में डिपो मैनेजर एवं ठेकेदार श्रवण लाल पर मुकदमा कराया। पुलिस के अनुसार, मृतक 32 वर्षीय सरसिया (जहाजपुर) निवासी बाबू लाल पुत्र छीतर लाल मीणा दिव्यांग था। बस स्टैंड के पास पेट्रोल पंप पर वाहनों में हवा भरने का काम करता था। हमेशा की तरह मंगलवार रात वह बस स्टैंड पर एटीएम के बाहर खुले में सो रहा था।
लेकिन, देर रात बरसात आ जाने से उठकर पास ही गन्ने की चरखी के शेड के नीचे आकर सो गया। सुबह करीब पांच बजे शेड के लोहे के पाइप को छू लेने से उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। बाबू लाल को बचाने आए देवगढ़ (राजसमंद) निवासी नौशाद हुसैन (25) पुत्र रज्जाक मोहम्मद ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना के करीब चार घंटे बाद डिपो मैनेजर पुरणेंद्र शर्मा पहुंचे। रोडवेज की आय बढ़ाने के लालच में अफसरों ने परिसर में तीन साल से नियम विपरीत गन्ने की चरखी लगाने की अनुमति दे रखी है। ठेकेदार ने चरखी चलाने के लिए बिजली के हल्के तार काम लिए। जिससे तारों में जगह-जगह कट लग गए। बस स्टैंड परिसर में गन्ने की चरखी चलाने का ठेका नवंबर 2020 से भगवान दास सामतानी के नाम है। शुरुआत में 28 हजार रुपए प्रति माह के अनुसार ठेका छूटा। हर साल 10% राशि बढ़ाने के कारण वर्तमान में ठेकेदार 33880 रुपए जमा करा रहा था। बाबूलाल मीणा