सीएम गहलोत ने पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने खुद भी किया है क्या? आप जानते भी हो कि कार्यकर्ता का मान-सम्मान क्या होता है। प्रदेश में मान-सम्मान एक जुमला बन गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट का बीच चल रहा शीतयुद्ध एक बार फिर उजागर हो गया है। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि कुछ नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं। कहते हैं कि सरकार में कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए। कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान प्रदेश में एक जुमला बन गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में एक बार फिर नाम लिए बगैर सचिन पायलट पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान आपने खुद भी किया है क्या? आप जानते भी हो कि कार्यकर्ता का मान-सम्मान क्या होता है। मेरे जैसे लोग तो कार्यकर्ताओं के तौर पर मान सम्मान पाते-पाते ही नेता बन गए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कार्यकर्ता का मान सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है लेकिन अभी जो समय आया है, उसका मुकाबला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को करना होगा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी के कहे हुए अच्छे दिन आएंगे या नहीं यह तो पता नहीं लेकिन कांग्रेस के दिन वापस अच्छे आ सकते हैं। बता दें कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अक्सर कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देने की बात उठाते रहते हैं।
इसके साथ ही सीएम ने राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी असमंजस की स्थिति वाला बयान दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कभी-कभी कोई ऐसा सिस्टम भी बन जाता है, जो भले ही वह पार्टी के हित के लिए लिया गया हो लेकिन उसके चलते काम समय पर नहीं हो पाते। एआईसीसी ने यह नियम बना दिया कि राज्यों में राजनीतिक नियुक्तियां भी प्रदेश प्रभारी ही करेंगे। अब ऐसे में ऐसा सिस्टम बन गया कि हम समय पर नियुक्ति अब तक नहीं कर पाए। अब छह महीने पहले ही राजनीतिक नियुक्तियां हो सकी हैं और अब भी 15 के आसपास राजनीतिक नियुक्तियां बाकी हैं लेकिन वह कब होंगी या हो सकेंगी भी कि नहीं कुछ नहीं कहा जा सकता।