लक्खी मेले में आने वाले पदयात्रियों के लिए सजने लगे भंडारे, बढ़ी रौनक
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करौली। करौली उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ कैलादेवी का चैत्र लखी मेला 19 मार्च से शुरू होगा। चार अप्रैल तक चलने वाले 17 दिवसीय मेले की श्री कैला देवी मंदिर ट्रस्ट, ग्राम पंचायत व जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। कैलादेवी के 17 दिवसीय विशाल मेले में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित भारत के विभिन्न प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु राजराजेश्वरी कैला मां के दर्शन के लिए आते हैं। यह संख्या करीब 50 से 60 लाख है। मेले की शुरुआत में 10 से 15 लाख श्रद्धालु पैदल चलते हैं और पड़वा (घटस्थापना) तक माता का द्वार खटखटाते हैं। वहीं, राजस्थान रोडवेज के निजी वाहनों, बसों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मेले की शुरुआत गुजराती भक्तों द्वारा की जाती है।
हालांकि प्रशासनिक मेला 19 तारीख से शुरू होगा। लेकिन अभी से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ने लगी है। गुरुवार को भी हजारों श्रद्धालुओं ने राजराजेश्वरी कैला मां के दरबार में मत्था टेका और मन्नत मांगी। इस मेले में भारत के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु मत्था टेकने आते हैं। वहीं मेले में कई राज्यों से भी लोग दुकान लगाकर और मनोरंजन के साधन लगाकर रोजगार के लिए मेले में आते हैं। इस मेले के दौरान कस्बे में हजारों की संख्या में भोग प्रसाद, चूड़ियां, खिलौने, चाय, नाश्ता, होटल, ढाबे, कोल्ड ड्रिंक, ढोलक, मजीरा, मिट्टी के बर्तन, खेलकूद के चश्मे, बच्चों के कपड़े, फल सहित मनोरंजन के साधन। यहां फल, सब्जी, अचार, फोटो, किराना व मिठाई की हजारों दुकानें हैं। कई दुकानदार तो इस मेले से 12 महीने अपनी रोजी-रोटी भी कमाते हैं।