राजसमंद। जिले में बिपरजॉय तूफान के कारण इस बार बारिश ने 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जिले में सोमवार सुबह 8 बजे तक 745 मिमी की औसत वर्षा को पीछे छोड़ते हुए 31 जुलाई तक 46 मिमी से 791 मिमी की वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि अभी दो माह तक बारिश का दौर जारी रहेगा। 15 जून से 31 जुलाई तक डेढ़ महीने की अवधि में 634.18 मिमी बारिश दर्ज की गई. इस बार जिले में सर्वाधिक वर्षा देवगढ़ में 986, आमेट में 957 तथा केलवाड़ा में 900 मिमी दर्ज की गई है। जबकि पिछले आठ वर्षों में जिले में एक जनवरी से 31 जुलाई तक वर्ष 2016 में 380 मिमी, 2017 में 587, 2018 में 289, 2019 में 357, 2020 में 268, 2021 में 279, 2022 में 388 मिमी और सबसे अधिक साल 2023 में 791 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. जिले में साल भर में यह औसत 745 मिमी से बढ़कर 46 मिमी तक अधिक हो गई है। अधिक बारिश के कारण जलाशयों में पानी की आवक होने से जिले भर के 25 जलाशयों में से 9 जलाशय ओवरफ्लो हो गए हैं तथा 5 जलाशयों में आवक बनी हुई है। शेष 9 जलाशय छोटे होने के कारण कभी भी भरे जा सकते हैं।
कृषि विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में मक्का 56 हजार हेक्टेयर, ज्वार 4885, मूंग 579, उड़द 657, मूंगफली 795, तिल 308, सोयाबीन 1432, कपास 2640, ग्वार 2356 तथा गन्ना 160 हेक्टेयर में बोया गया है। अधिकांश मक्के की बुआई हो चुकी है, लेकिन खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ने के कगार पर हैं. ग्राम पंचायत भटोली मुख्यालय पर इन दिनों चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। लगातार बारिश के साथ ही नहर चलने से खेतों में एक फीट से अधिक पानी भर गया है. खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ गयी हैं और जो फसलें बची हैं, वे भी सड़ने के कगार पर हैं। फसलें बर्बाद होने और जानवरों के लिए चारा नहीं मिलने से उनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. लगातार पानी की आवक के कारण गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय, आंगनबाडी केन्द्र, पटवार भवन तक जाने वाले रास्ते में पानी भरा हुआ है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे घुटने भर पानी से होकर आ-जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अभी बारिश का मौसम नहीं आया है तो आगे क्या होगा? किसान छगनलाल देराश्री, मांगीलाल गाडरी, रामचन्द्र गाडरी, सोहन गाडरी, भंवरलाल गाडरी, महेंद्रकुमार देराश्री, ललित देराश्री, रूपलाल गाडरी, पन्नालाल गाडरी सहित ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या का समाधान करवाया और प्रशासन ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर फसल खराबे का मौका मुआयना किया।