माउंट आबू से सरिस्का लाए गए भालूओं को मिली ये अलग पहचान

Update: 2023-09-01 10:26 GMT
राजस्थान। टाइगर रिजर्व सरिस्का में बाघों का कुनबा अभी 30 है. लेकिन बाघों का नामकरण एसटी-32 तक किया जा चुका है. अब सरिस्का प्रशासन ने बाघिन एसटी- 19 के दो शावकों एवं माउंट आबू व सुंधा माता कन्जर्वेशन रिजर्व से लाए गए भालुओं का नामकरण किया गया है. वर्तमान में सरिस्का में बाघों का कुनबा 30 है. इनमें 15 बाघिन, 9 बाघ एवं 6 शावक हैं. सरिस्का के डीएफओ जगदीश प्रसाद दहिया ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में विचरण करने वाली बाघिन एसटी-19 के फीमेल शावक का नामकरण एसटी-31 एवं मेल शावक को एसटी-32 की पहचान दी गई है. बाघिन एसटी-19 के दोनों शावक पहली बार 5 जुलाई 2022 को कैमरा ट्रै में नजर आए थे. दोनों शावक लगभग दो वर्ष के हो चुके हैं तथा बाघिन मां से अलग होकर स्वतंत्र विचरण करने लगे हैं. सरिस्का में अभी छह और शावक हैं. इनमें दो शावक अलवर बफर क्षेत्र में घूम रहे हैं और इनकी उम्र भी करीब दो साल हो चुकी है. इनका नामकरण भी जल्द होने की संभावना है. कुछ महीने सरिस्का प्रशासन की ओर से माउंट आबू से एक नर व एक मादा भालू का पुनर्वास कराया गया था. सरिस्का प्रशासन ने अब मादा भालू को एसबी-1, नर भालू को एसबी-2 तथा सुंधा माता कन्जर्वेशन रिजर्व से लाए गए नर भालू को एसबी-3 नाम दिया गया है. इस प्रकार सरिस्का में अब भालुओंं का कुनबा 3 हो गया है।
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