गौ तस्करी का अड्डा बना अलवर, गौ रक्षकों ने पीछा किया तो पिकअप छोड़ भागे तस्कर, 8 गायों को कराया मुक्त

Update: 2022-12-28 15:13 GMT
अलवर। जिले में जैसे-जैसे सर्दी तेज होती जा रही है। वैसे-वैसे गोतस्करी की घटनाएं बढ़ना शुरू हो गई। बीती रात बानसूर में गौ तस्करी की घटना सामने आई है। जहां देर रात गायों से भरी पिकअप आने की सूचना पुलिस तथा गौ रक्षकों की टीम को मिली। गौ रक्षक तथा पुलिस की टीम ने बानसूर के गांव दांतली पहाड़ी के पास गायों से भरी पिकअप गाड़ी का पीछा किया तथा पुलिस द्वारा नाकाबंदी कराई गई। पुलिस तथा गौ रक्षकों की टीम ने गौ तस्करी के लिए ले जा रही गायों की गाड़ी का पीछा कर हरसोरा थाना इलाके से गाड़ी को पकड़ा, लेकिन गो तस्कर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए।
जैसे ही गौ तस्करों की गाड़ी की पुलिस और गौ रक्षकों के दल ने घेराबंदी की तो तस्करों ने गाड़ी में रखे पत्थरों को फेंकना शुरू कर दिया। हालांकि, इस घटना में कोई घायल नही हुआ। इसके बाद मौका मिलते ही गौ तस्कर अपनी गाड़ी से कूद फरार हो गए। रात के अंधेरे के कारण तस्कर पुलिस को चकमा देकर भागने में कामयाब हो गए। पुलिस ने पिकअप को जब्त कर लिया है और गाड़ी मालिक और गौ तस्करों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। गौ रक्षक टीम के सदस्य मोनू शर्मा ने बताया कि पिकअप में 8 गायों को मुक्त कराया है। जिनमें से एक गाय मृत मिली है। पुलिस ने सात गायों को बानसूर गिरधर गौशाला में भिजवा दिया है। वहीं, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गौ तस्करों के लिए अलवर जिला काफी मुफीद माना जाता है। यहां हर साल गौ तस्करी, गोकशी व गोमांस बेचने की घटनाएं आम बात है। पुलिस इन पर लगाम कसने की कोशिश करती है, लेकिन इनका नेटवर्क इतना तेज है कि यह पुलिस को चकमा दे देते हैं। कई बार पुलिस की संलिप्तता भी सामने आई है। क्योंकि यह 200 किलोमीटर दूर से गायों को अपने वाहनों में भरकर लाते हैं और कई थानों से इनकी गाड़ियां पार कर जाती है। पुलिस उनको पकड़ नहीं पाती ऐसे में यही सवाल सामने आता है कि बिना मिलीभगत के यह गाड़ियां पार नहीं हो सकती। अलवर जिला हरियाणा के मेवात से लगा हुआ है, जहां गोकशी और गो तस्करी लगातार होती रहती है।
अलवर जिले में गौ तस्करी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यहां गौ रक्षकों ने कमेटी बना रखी हैं, जो रात्रि में गौ तस्करी वाले मार्गों पर पहरा है। पहले तो पुलिस को सूचना देते हैं, पुलिस नहीं आती है तो यह अपने हिसाब से ही गौ तस्करों को पकड़ते हैं । कई बार गो रक्षकों में गौ तस्करों में आमना सामना हो जाता है और गौ तस्कर भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। जिनके साथ मारपीट हो जाती है। जिसमें तीन चार घटनाएं ऐसी हुई है, जिसमें गौ तस्करों की मौत हो चुकी है। गौ तस्करों की मौत के बाद ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने मॉब लीचिंग कानून बनाया था।

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