राजस्थान में पिछले 24 घंटों में 413 नए केस मिले

राजस्थान में कोरोना ने एक बार फिर पैर पसार लिए है। पिछले 24 घंटों में 413 नए केस मिले हैं।

Update: 2022-08-04 14:26 GMT

राजस्थान में कोरोना ने एक बार फिर पैर पसार लिए है। पिछले 24 घंटों में 413 नए केस मिले हैं। जबकि अजमेर में कोरोना से 2 लोगों की मौत हो गई है। राजस्थान में कोरोना के एक्टिव केस बढ़कर 2331 हो गए है। राज्य के सवास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीना ने हालात को देखते हुए जिलों में सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार अजमेर में कोरोना से दो लोगों की मौत हो गई है। बुलेटिन के अनुसार राजधानी जयपुर में 153 नए केस मिले हैं। जबकि अजमेर और अलवर में 25 और 35 केस मिले हैं। बांसवाड़ा जिले में 2 और बारां में 1 केस मिला है। भीलवाड़ा और बीकानेर में 16-16 केस मिले हैं। चित्तौड़गढ़ में 18 और दौसा में 24 केस मिले हैं। धौलपुर में 5 और डूंगरपुर में 2 केस मिले है। जैसलमेर में 7 और जोधपुर में 41 केस मिले हैं। कोटा में 14 और नागौर में 4 केस मिले है। राजसंमद में 4 और सीकर में 5 केस मिले है। सिरोही में 12 और उदयपुर में 29 केस मिले हैं। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 9587 हो गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने सैंपलिंग बढ़ाने पर दिया जोर
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों एवं कोविड की व्यापक सैंपलिंग करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोविड के केस बढ़ रहे है, जबकि दूसरी तरफ कई जिलों में कोविड की सैंपलिंग काफी कम है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कम से कम 1000 कोविड सैपलिंग प्रतिदिन होनी चाहिए तथा जिन जिलों में कोविड पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है वहां सैंपलिंग और अधिक होनी चाहिए। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सालयों में चर्म एवं रति रोग, मेडिसिन एवं शिशु रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले रोगियों, हाईरिस्क समूहों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। यदि मंकीपाक्स का कोई संदिग्ध केस मिले तो उसकी तत्काल सैपलिंग करवायी जाए। इसके साथ ही संदिग्ध मरीज की पिछले 21 दिन की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर सभी को आईसोलेट करवाना सुनिश्चित करवायें।
प्रिकॉशन डोज के लिए अभियान चलाने के निर्देश
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पृथ्वी ने बताया कि चिकित्सा मंत्री के निर्देशों की पालना में प्रदेशभर में कोविड टीकाकरण के तहत लाभार्थियों को प्रिकॉशन डोज लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पर्याप्त मात्रा में प्रिकॉशन डोज होने के बावजूद प्रिकॉशन डोज के लाभार्थियों की संख्या कम होने के कारण विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सभी दवाइयां उपलब्ध हैं। उनका भण्डारण एक स्थान पर होना चाहिए। मरीज या उसके परिजनों को दवा के लिए अलग-अलग काउंटरों पर चक्कर नहीं काटने पड़े, इसको सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेज प्राचार्यों और चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को दवा वितरण व्यवस्था की समीक्षा कर मरीजों को एक ही स्थान पर दवा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।


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