प्रतापगढ़। अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा प्रतापगढ़ में आयोजित किये जा रहे 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं संस्कार महोत्सव कार्यक्रम में लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं. गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्य रामनारायण कसोदनिया ने बताया कि धरियावड़ रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ के निकट चल रहे 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में यज्ञ सहित गर्भवती माताओं के बच्चों में उत्तम संस्कार के लिए पुंसवन संस्कार, नामकरण संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, मुंडन संस्कार किया गया. और दीक्षा संस्कार किया गया। यज्ञ और कर्मकांड को लेकर लोगों में उत्साह देखा गया और करीब 200 अनुष्ठान संपन्न हुए। शांतिकुंज हरिद्वार से आई टीम द्वारा यज्ञ व अनुष्ठान किया गया। टोली नायक नमो नारायण ने सभी संस्कारों की विस्तृत जानकारी देते हुए। व्यक्ति के जीवन में संस्कारों के महत्व के बारे में बताया।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2022-23 में जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के पहले दिन कलश यात्रा में शामिल प्रतापपुर निवासी गायत्री परिजन दिलीप सोनी के असामयिक निधन पर सभी ने यज्ञ के बाद उनकी मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करते हुए मौन धारण किया. इससे पूर्व शनिवार की शाम 7 बजे से प्रवचन व ज्ञान गान का आयोजन हुआ, जिसमें शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि ने विद्या व विद्या में अंतर व शिक्षा के साथ विद्या के महत्व को समझाया। व्यक्तित्व निर्माण, उपासना, ध्यान और उपासना के सूत्र सरलता से समझाए गए। सोमवार को सुबह 8 बजे से यज्ञ प्रारंभ होगा, जिसमें यज्ञ व पूर्णाहुति के साथ गुरु दीक्षा संस्कार व यज्ञोपवीत संस्कार भी किया जाएगा। यज्ञ और संस्कार में सभी जाति-समाज और सभी उम्र के लोग भाग ले सकते हैं। पुरुष धोती-कुर्ता पहनकर और महिलाएं साड़ी और सलवार सूट में यज्ञ कर सकती हैं। यज्ञ में बैठने की कोई फीस नहीं है।