फर्जी मेडिकल मामले में दो चिकित्सक निलंबित

Update: 2023-04-25 18:50 GMT
म्योरपुर। चर्चित फर्जी मेडिकल मामले में जिला अस्पताल में तैनात रहे दो चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया है। चिकित्सा महकमे की तरफ से यह कार्रवाई डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर की गई है। स्वयं ब्रजेश पाठक ने अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए दोनों चिकित्सकों के निलंबन का निर्देश दिए जाने की जानकारी दी। मामला मूलतः म्योरपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। वहां के भूमि विवाद मामले में दो व्यक्तियों का जिला अस्पताल में मेडिकल बनाया गया था। म्योरपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी ने डीएम को अवगत कराया था। डीएम के निर्देश पर राबटर्सगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर दोनों डाॅक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि फिलहाल दोनों डाॅक्टर जमानत पर बाहर आ गए हैं।
बताते चलें कि म्योरपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार त्रिपाठी की तरफ से डीएम को प्रार्थना पत्र देकर फर्जी मेडिकल बनाए जाने के मामले से अवगत कराया था। इसके बाद डीएम चंद्रप्रकाश सिंह की तरफ से जहां, बगैर पुलिस के मेडिकल बनवाने पहुंचने वालों के लिए उनके या सीएमओ के आदेश के बाद ही मेडिकल बनाए जाने का निर्देश जारी किया गया था। वहीं म्योरपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक की तरफ से दिए गए पत्र पर डीएम ने राबटर्सगंज कोतवाल को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना का निर्देश जारी किया था। मिले निर्देश के क्रम में प्रभारी निरीक्षक राबटर्सगंज दिनेश प्रकाश पांडेय ने आईपीसी की धारा 420, 468, 471, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 13 के तहत मामला दर्ज कर, प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी। बताते हैं कि विेवेचना के दौरान इस मामले में जिला अस्पताल में तैनात डा. पूर्णेंदुशेखर सिंह पुत्र जितेंद्र प्रताप सिंह निवासी गोपालपुर, थाना मुगलसराय जिला चंदौली और डा. दयाशंकर पुत्र गोपीचंद निवासी त्रिवेणीपुरम थाना झूंसी जिला प्रयागराज की संलिप्तता सामने आई।
म्योरपुर थाना क्षेत्र के कुंडाडीह गांव निवासी सुरेंद्र कुमार और म्योरपुर गांव निवासी अमित कुमार विश्वकर्मा ने म्योरपुर थानाध्यक्ष रहे अश्वनी त्रिपाठी को एक प्रार्थना पत्र सौंपकर बताया था कि लोढ़ी स्थित जिला अस्पताल में बिना किसी चोट के, पैसे लेकर मेडिकल बनाया जा रहा है। उनका कहना था कि उन दोनों के विरूद्ध भी फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इसकी पुष्टि के लिए उन्होंने भी पैसे देकर अपना फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवाया है। इस पर म्योरपुर थानाध्यक्ष रहे अश्वनी त्रिपाठी ने डीएम को पत्र भेजकर पूरे वाकए की जानकारी दी, जिस पर डीएम चंद्र विजय सिंह ने राबटर्सगंज पुलिस को मामला दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
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