डोडा। बीती रात गुरुसर और समाघ के पास से गुजर रही दो नहरों से सरहिंद फीडर नहर ओवरफ्लो हो गई। इससे ग्राम समाघ व गुरुसर की करीब 25 एकड़ जमीन जलमग्न हो गई, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार उक्त सरहिंद फीडर नहर से मलोट रजबाहे को पानी देने के लिए कल विभाग द्वारा गुरुसर गांव और समाघ के बीच नहर में लोहे के फाटकों से पानी रोक दिया गया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण और विभाग के कर्मचारी बीती रात करीब 1-2 बजे उक्त नहर का पानी ओवरफ्लो होकर बगल के खेतों में चला गया। इससे गांव समाघ के हंसा सिंह पुत्र अंगरेज सिंह की 4 एकड़ धान की फसल खराब हो गई। इसके साथ ही गुरसेवक सिंह पुत्र रेशम सिंह, गुरविंदर सिंह पुत्र गुरजंत सिंह, सतपाल सिंह पुत्र इकबाल सिंह, गुरदास सिंह पुत्र नाथ सिंह और निशान सिंह पुत्र जगसीर सिंह, कुलदीप सिंह पुत्र नथा सिंह, गुरमेल सिंह पुत्र अमरजीत सिंह, पप्पा सिंह पुत्र बरतन सिंह और बब्बी सिंह पुत्र नछतर सिंह के खेतों में पानी भर गया।
पीड़ित किसानों का आरोप है कि उक्त मामले में विभाग पूरी तरह से लापरवाही बरत रहा है और उस समय विभाग का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीणों को समय रहते इसकी जानकारी नहीं होती तो पानी के तेज बहाव से नहर टूट जाती और तीन गांवों में आर्थिक नुक्सान के साथ ही भारी जनहानि भी हो सकती थी। उन्होंने संबंधित विभाग के उच्चाधिकारियों से नहर के ओवरफ्लो होने के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में सरहिंद फीडर के एस.डी.ओ. बलविंदर सिंह कंबोज ने कहा कि मलोट राजबाहे को संचालित करने के लिए नहर में पाऊडिंग की जा रही थी। इसी बीच पीछे से अधिक पानी आ गया, इस पर फील्ड स्टाफ ने गेट खोलने की कोशिश की, लेकिन पानी की अधिकता के कारण फाटक फंस गया और नहर से पानी बाहर आ गया। उन्होंने कहा कि नहर के ओवरफ्लो होने से किसानों या नहर को कोई नुक्सान नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी जांच की जा रही है और यदि कोई कर्मचारी जिम्मेदार पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। किसानों द्वारा विभागीय कर्मचारियों को मौके पर न देने के आरोप के संबंध में एस.डी.ओ. ने कहा कि स्टाफ की कमी है लेकिन फिर भी मौके का फील्ड स्टाफ मौजूद रहा।