बठिंडा। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्याकांड मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सिद्धू मूसेवाला के कत्ल को अंजाम देने के लिए दिल्ली से पंजाब तक 4 जेलों में साजिश रची गई थी। यह खुलासा मानसा की अदालत में पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट में हुआ है। 29 मई को सिद्धू मूसेवाला का कत्ल होने पर इस हत्याकांड में शामिल 5 आरोपी पंजाब और दिल्ली की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे थे। 26 अगस्त को दायर की गई चार्जशीट के अनुसार मुख्य साजिशकर्ता लॉरैंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसके अलावा गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना फिरोजपुर जेल, सारज संधू बठिंडा जेल और मनमोहन सिंह मोहना मानसा जेल में थे। इन पांचों को जांच के लिए ट्रांजिट वारंटों पर पूछताछ के लिए लाया गया था।
सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने वाट्सप या सिग्नल एप द्वारा एक दूसरे से संपर्क किया। इस केस में पहले गैंगस्टर पवन नेहरा का नाम भी सामने आया था। पवन फिरोजपुर जेल में बंद था लेकिन बाद में वह बेकसूर साबित हुआ। सूत्रों के अनुसार खतरनाक अपराधियों के लिए जेलें एक आश्रय साबित हो रही हैं। यहां मोबाइलों सहित कई ऐतराजयोग्य चीजें आसानी से मिल जाती हैं। इससे अपराधी जेलों में बैठ कर ही फिरौती के लिए फोन करने और डर पैदा करने और अपने गुर्गों द्वारा फिरौती वसूलने की घटनाओं को अंजाम देते हैं।
सबसे पहले 31 मई को तलवंडी साबो निवासी मनप्रीत मन्ना को गिरफ्तार किया गया था। वह फिरोजपुर जेल में बंद था। मन्ना पर गैंगस्टर मनप्रीत भाऊ के लिए कोरोला गाड़ी मुहैया करवाने के आरोप लगे हैं। उसने गाड़ी शार्प शूटर जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू को मुहैया करवाई थी। सारज संधू को भी 31 मई को बठिंडा जेल में गिरफ्तार किया गया था। मन्नू और सारज फिरोजपुर जेल में उसे मिले थे। इसके बाद सारज को बठिंडा जेल में भेज दिया गया। यहां उसने कथित तौर पर लॉरैंस बिश्नोई और कैनेडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के संपर्क में आया। उसका भी शूटरों के लिए गाड़ी मुहैया करवाने में अहम रोल था।