रेलवे के टैक्स माफिया की अब खैर नहीं, जिला मजिस्ट्रेट ने लिया कड़ा नोटिस
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अमृतसर। सी.जी.एस.टी. विभाग व एस.जी.एस.टी. विभाग की सख्ती के बावजूद रेलवे स्टेशन का टैक्स माफिया बेखौफी के साथ काम कर रहा है और धड़ल्ले से बिना बिल सामान मंगवा रहा है। आलम यह है कि त्यौहारी सीजन के दिनो में टैक्स माफिया ऐसी बिना बिल वस्तुएं भी मंगवा रहा है, जो प्रतिबंधित हैं। इस मामले का कड़ा नोटिस लेते हुए जिला मजिस्ट्रेट एवं डिप्टी कमिशनर हरप्रीत सिंह सूदन ने उन सभी विभागों के साथ बैठक करने का फैसला किया है, जो टैक्स चोरी रोकने के लिए सीधे तौर पर काम कर रहे हैं।
टैक्स चोरी के लिए जिम्मेदार भी हैं। इसमें चाहे स्टेट जी.एस.टी. हो या फिर सैंट्र्ल जी.एस.टी. या फिर ट्रांसपोर्ट विभाग ही क्यों न हो, जो भी विभाग टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकारी तौर पर जिम्मेदार है, उनके साथ बैठक करके रेलवे के टैक्स माफिया पर पूरी तरह से नकेल डालने की रणनीति तैयार की जाएगी। रोड ट्रांसपोर्ट के माफिया पर नकेल डालना इतना आसान नहीं है, लेकिन रेलवे के टैक्स माफिया पर नकेल डालना आसान है। डी.सी. के पास उन माफिया किंगपिन की सूचि भी पहुंच गई है, जो वर्षों से टैक्स चोरी का खेल खेलते आ रहे हैं और सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं।
पूर्व डी.सी. रजत अग्रवाल व रवि भगत ने भी की थी बड़ी कार्रवाई
रेलवे स्टेशन के टैक्स माफिया की बात करें तो पता चलता है कि जिस समय पूर्व डिप्टी कमिश्नर रजत अग्रवाल व रवि भगत का कार्यकाल था उस समय भी रेलवे स्टेशन का टैक्स माफिया काफी मजबूत था। चोर रास्तों के जरिए बिना बिल सामान मंगवाया जाता था। हालांकि उस समय सेल्स टैक्स होता था जो अब जी.एस.टी. का रूप धारण कर चुका है लेकिन उस समय स्टेशन के बाहर आई.सी.सी. (इंफॉर्मेशन कलेक्शन सेंटर) स्थापित थे जो बिना बिल सामान जाने से रोकते थे लेकिन जी.एस.टी. लागू होने के बाद आई.सी.सी. बैरियर बंद हो चुके हैं और टैक्स माफिया धड़ल्ले से काम कर रहा है।
कई बार पकड़ी जा चुकी हैं नशीली दवाएं, हथियार आने का भी डर
टैक्स माफिया की तरफ से लाए जाने वाले बिना बिल सामान में कई बार अलग-अलग विभागों ने ट्रामाडोल जैसी नशीली दवाएं जब्त की हैं, लेकिन फिर भी टैक्स माफिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। दिल्ली से भेजा जाने वाला बिना बिल के नग पर न तो भेजने वाले का पता लिखा होता है और न ही रिसीव करने वाले का पता लिखा होता है। ऊपर से नग को इतनी मजबूती के साथ पैक किया जाता है कि उसको खोलना व चैक करना भी आसान नहीं होता। ऐसे में बिना बिल सामान में हैरोइन या हथियार आ जाएं इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।