हमारी सरकार का पहला काम इलीगल को रोकना है
आपको एक नई जिम्मेदारी मिली है। पूरा पंजाब आप की तरफ देख रहा है। पंजाब के विकास के लिए आपका रोडमैप क्या है? इस सवाल के जवाब में निकाय मंत्री ने कहा कि मेरे विभाग लोकल बॉडीज में बहुत-सी डेवलपमेंट इलीगल होती हैं। दफ्तरों की बात करें तो किसी के कंट्रोल में नहीं थे। एन.ओ.सी. लेनी हो, नक्शा पास करवाना हो या सी.एल.यू. लेना है तो हरेक स्टैप पर लोगों को परेशानी होती थी। कुछ मामलों में चंडीगढ़ तक के चक्कर लगाने पड़ते थे।
इसके अलावा कंस्ट्रक्शन का कोई कानून नहीं है। गैर कानूनी कंस्ट्रक्शन ज्यादा है। जगह-जगह गैर कानूनी होटल बने हैं। अतिक्रमण बहुत ज्यादा है। पब्लिक प्लेसमेंट्स पर अतिक्रमण हैं। जहां कहीं होटल बनने की गुंजाइश ही नहीं थी वहां होटल बने हुए हैं। उदाहरण के लिए अमृतसर में कई ऐसे होटल हैं। हमारी सरकार का पहला काम इलीगल को रोकना है।
आप ने कुछ करना है तो 'लीड' करना ही पड़ेगा
क्या यह मान लिया जाए कि आपका विउ. भाग सबसे ज्यादा भ्रष्ट है? इस पर मंत्री ने कहा-जी हां। लोग कहते हैं कि यह सबसे भ्रष्ट विभाग है। इसलिए मैं कहता हूं कि आप ने कुछ भी करना है तो आपको फ्रंट पर लीड करना पड़ेगा। इसलिए हमने सबसे पहले सी.एल.यू. का काम लोयर लैवल पर भेज दिया है।
अब न तो सी.एल.यू. का कोई आवेदन चंडीगढ़ आएगा और न ही इस पर सैक्रेटरी, मंत्री या डायरेक्टर के हस्ताक्षर होंगे। अब इस पर नगर निगम के कमिश्नर या ए.डी.सी. इत्यादि के हस्ताक्षर होंगे। इससे लोगों में यह संदेश गया है कि हमारी सरकार पैसे इकट्ठा करने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए है।
हमारा मकसद प्लॉट होल्डरों को ब्लैकमेलिंग से बचाना है
मंत्री ने कहा कि दूसरा जो हम काम कर रहे हैं वह गैर कानूनी कंस्ट्रक्शन को लेकर है। जो परमिसीबल होगा वहां देखेंगे कि यदि कोई छूट दी जा सकती है या किस तरीके से एडजस्ट हो सकता है, उसे पैनेलाइज किया जाएगा। इसी तरह इलीगल कॉलोनीज हैं, जिन्हें पिछली कांग्रेस सरकार ने छूट दी थी, उसके बावजूद कालोनाइजरों ने पैसे जमा नहीं करवाए और अभी भी इलीगल हैं। उन पर शिकंजा कसा जाएगा तथा जो नई इलीगल कालोनियां बनने जा रही थीं उन्हें बिल्कुल रोक दिया गया है।
जो पुरानी कालोनियां भी बनी हैं अगर नक्शे की जरूरत है तो नक्शे बनाकर उन्हें भी लीगल करने की कोशिश की जाएगी। हमारा मकसद प्लाट होल्डरों को तंग-परेशान करना नहीं है क्योंकि इलीगल कालोनी में गरीब व्यक्ति बड़ी मुश्किल से प्लाट लेता है फिर रजिस्ट्री नहीं होती और सारी उम्र वह ब्लैकमेल होता है तथा कालोनाइजर भी ब्लैकमेल होता रहता है। उन्हें ब्लैकमेलिंग से बचाना है।
लोगों के मन से डर दूर किया जा रहा है
अकाली दल की दूसरी बार बनी सरकार के समय से ही प्रापर्टी के रेट काफी कम हो गए हैं। मार्कीट एकदम से खड़ी हो गई है। प्लाटों की कोई रीसेल वैल्यू नहीं रह गई है। लोगों को आस थी कि कैप्टन सरकार आएगी तो उसके बाद प्रापर्टी का कारोबार चलेगा मगर ऐसा नहीं हुआ। अब आप की सरकार को भी पांच महीने का समय होने वाला है। पैसे का लेन-देन क्यों नहीं बढ़ रहा है? क्या इसका कारण इलीगल कालोनियां ही हैं या कुछ और?
इस पर मंत्री निज्झर ने कहा-जी हां, कालोनियां लीगल नहीं हो रही हैं। इस कारण लोगों का हौसला नहीं बढ़ रहा है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि नई सरकार क्या करेगी? लोगों के मन में डर है। इस पर मैं कहूंगा कि सबसे पहले हमने इस डर को खत्म करने के लिए सी.एल.यू. को निचले स्तर पर कर दिया। यह एक अच्छा संदेश है। दूसरी बात यह है कि मेरा विभाग लोकल बॉडीज डिपार्टमैंट और पंजाब अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पुडा) जिसके अमन अरोड़ा मंत्री हैं हम मिलकर रोडमैप तैयार कर रहे हैं, जिसमें लोग सुखद महसूस करेंगे।
ऐसा नहीं है, सरकार का शहरों की तरफ भी पूरा ध्यान है
शहरी हलका इनसिक्योर महसूस कर रहा है ऐसा क्यों? शहरी लोग महसूस कर रहे हैं कि यह गांवों की सरकार बनकर रह गई है। सारा ध्यान गांवों पर है। शहरों की समस्याएं बहुत ज्यादा हैं। जालंधर का उदाहरण आपके सामने है। केंद्र सरकार से डेवलपमेंट के लिए आया पैसा वापस भेजना पड़ा। ऐसा क्यों?
इस पर मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है, सरकार का शहरों की तरफ भी पूरा ध्यान है। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट अच्छी तरह से लागू नहीं हो रहे थे। जब से मैंने पदभार संभाला है मैं हर सप्ताह समीक्षा कर रहा हूं। मैं जब भी जिस जिले में जाता हूं या चंडीगढ़ होता हूं तो रोजाना अफसरों से बात करके समीक्षा करता हूं। मुख्य मुद्दा सीवर बंद पड़े हैं। अगले साल हमारा बहुत ज्यादा ध्यान इस तरफ है ताकि लोगों की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो। इसमें लोगों को भी साथ देना होगा। कुछ आदतें सुधारनी होंगी। हम सिंगल यूज प्लास्टिक बंद करें। क्योंकि सीवरेज ब्लॉकेज की ज्यादातर समस्या के पीछे कारण प्लास्टिक है।
लोगों को गलत काम करने देंगे तो वे करते रहेंगे, इसलिए सख्ती जरूरी है
क्या आप महसूस करते हैं कि कहीं न कहीं सरकार का लचीला होना भी इसके पीछे कारण है। जैसा कि विदेशों में कानून का डंडा सख्ती से चलता है और कानून का पालन भी सख्ती से होता है मगर हमारी सरकारें इस मसले पर लीनिएंट हो जाती हैं। कानून कागज पर लिख दिया जाता है। लागू नहीं होता है।
इस पर मंत्री ने कहा-मैं जहां भी जाता हूं मेरा कहना होता है कि अब तक जो हो गया है सो हो गया है मगर अब आगे सहन नहीं होगा। यह सही है कि जब लोगों को गलत काम करने देंगे तो वे करते रहेंगे। अमरीका और कनाडा में कानून का पालन क्यों होता है क्योंकि वे इस मामले में सख्त हैं। हरेक व्यक्ति को पता है कि अगर वह कार तेज चलाएगा तो किसी न किसी कैमरे में वह काबू आ जाएगा और फंस जाएगा, वहीं हमारे यहां क्योंकि कानून पूरी तरह लागू नहीं होता इसलिए हम किसी से डरते नहीं हैं।
सी.सी.टी.वी. कैमरों से मल्टीपल काम लिए जाएंगे
मंत्री ने कहा कि हमारे हरेक शहरों में आई ट्रिपल सी.सी.टी.वी. लग रहे हैं। जालंधर, लुधियाना, पटियाला और मोहाली सहित अन्य शहरों में आई ट्रिपल सी.सी.टी.वी. कैमरे लग रहे हैं। अगर कोई व्यक्ति रैड लाइट जंप करेगा तो इसकी पकड़ में आ जाएगा। पहले यह केवल पुलिस के लिए काम आएंगे मगर इसके बाद हम इससे शहर की सफाई देखेंगे। इसी तरह कहीं हमारे सीवर ओवरफ्लो तो नहीं कर रहे हैं और डंपों पर सही काम चल रहा है या नहीं इस पर भी नजर रखी जाएगी। इन कैमरों से मल्टीपल काम होंगे। इससे लोगों का हौसला भी बढ़ेगा और हमारे काम में भी मदद मिलेगी।
गलियों-नालियों को बनाना और सजाना ही स्मार्ट सिटी वर्क नहीं है
हर शहर में पार्किंग बड़ी समस्या है। लोकल लैवल पर चालान हो रहे हैं मगर लोग कह रहे हैं कि हम अपने वाहन खड़े कहां करें? क्योंकि सुविधा तो कहीं है ही नहीं। इसके बारे में आपका रोडमैप क्या है? मंत्री ने कहा कि कई प्रोजैक्ट बंद पड़े थे जिन्हें अब दोबारा शुरू किया गया है।
अमृतसर में इस संबंध में टैंडर भी लग गया है। अमृतसर में मल्टीपर्पज पार्किंग बन रही है जोकि अगले एक साल में चालू हो जाएगी। इसके अलावा हरिमंदिर साहिब के पास तथा शहर में तीन-चार जगहों पर भी मल्टीपार्किंग के लिए जगह तलाशने को कहा है। इसी तरह जालंधर में भी अधिकारियों की जगह तलाशने के लिए ड्यूटी लगाई गई है। गलियों-नालियों को बनाना और सजाना ही स्मार्ट सिटी वर्क नहीं है बल्कि शहर में सीवरेज समस्या दूर हो और पार्किंग आदि की समस्या खत्म हो, कूड़े की अच्छी तरह से लिङ्क्षफ्टग हो यह स्मार्ट सिटी वर्क है।
रैवेन्यू जैनरेट होगा तो सुविधाएं भी मिलेंगी
आपके विभाग की वित्तीय हालत कैसी है? इस पर मंत्री ने जवाब दिया जैसी पंजाब की स्थिति है वैसी ही हालत मेरे विभाग की है, क्योंकि जो सर्वे शायद 2013 में हुआ था उसके अनुसार यू.आई.डी. नंबर नहीं दिए गए। इसलिए हम दोबारा सर्वे करवा रहे हैं इसके साथ-साथ हमने यू.आई.डी. नंबर देने हैं। यू.आई.डी. नंबर आधार कार्ड और फोन नंबर के साथ अटैच होगा। इससे 100 प्रतिशत रैवेन्यू जैनरेट होगा। अभी सिर्फ 50 प्रतिशत लोग ही टैक्स दे रहे हैं। हमारे पास पूरा टैक्स आएगा तो सभी सुविधाएं दी जाएंगी। उसी से सारे काम होने हैं।
दिल्ली सरकार की सफलता के अनुभव को पंजाब में सांझा करने में कोई हर्ज नहीं
सरकार के बारे में एक धारणा है कि पंजाब सरकार दिल्ली से कंट्रोल हो रही है। आप तो सरकार में बैठे हैं। क्या आपको निर्देश दिल्ली से आते हैं या पंजाब सरकार से। मुझे कहीं से इंस्ट्रक्शंस नहीं आतीं मैं तो अपना काम स्वयं कर रहा हूं। एक आम बात है कि भगवंत मान ने हमें कहा है कि ईमानदारी के साथ काम करो वह हम कर रहे हैं। जो काम प्रोटोकोल के अनुसार होने हैं वे उसी अनुसार करेंगे।
दूसरी तरफ दिल्ली में हमारी पार्टी की सरकार सफलतापूर्वक काम कर रही है। अगर उस सरकार का हम अनुभव सांझा कर लेते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है। जैसा कि दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बने हैं जो दुनिया भर में मशहूर हुए हैं और स्कूलों में जो प्रणाली मशहूर हुई है तभी तो उसे अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तक देखने आए।