पंजाब सरकार सख्ती के मूड में, PWD के 39 इंजीनियरों के विरुद्ध लेगी एक्शन
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जालंधर। पंजाब सरकार ने पी.डब्ल्यू.डी. के 22 सुपरिंटैंडिंग इंजीनियरों (एस.ई.) और 17 कार्यकारी इंजीनियरों को सजा देने की तैयारी कर ली है। ये वह उच्चाधिकारी हैं जिन पर राज्य की 6 मुख्य सड़कों पर बी.ओ.टी. अनुबंध वाली निजी कंपनी को करोड़ों रुपयों का अवैध रूप से फायदा पहुंचाने का आरोप है। इन अधिकारियों में कुछ रिटायर भी हो चुके हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि जिस चीफ इंजीनियर (मुख्यालय) अरुण कुमार को उपरोक्त 39 अधिकारियों की चार्जशीट तैयार करने के लिए कहा गया है, वह खुद भी चार्जशीट में इस घोटाले का हिस्सेदार है और सरकार द्वारा भेजी दागी अधिकारियों की सूची में उस पर भी गंभीर कोताही के आरोप हैं जब वह सुपरिंटैंडिंग इंजीनियर था। इन अधिकारियों के विरुद्ध चार्जशीट तैयार करके सरकार को भेजने का अंतिम दिन कल था। पंजाब सरकार द्वारा पी.डब्ल्यू.डी. के चीफ इंजीनियर (मुख्यालय) को इसी 19 सितंबर को भेजे एक पत्र में कहा कि बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बी.ओ.टी.) अनुबंध वाली राज्य की 6 मुख्य सड़कों के मामले में उपरोक्त अधिकारियों ने बड़ी कोताही की। इससे बी.ओ.टी. वाली निजी कंपनी को करोड़ों रुपए का लाभ मिला। इस राशि का अनुमान 40 करोड़ रुपए के लगभग है।
सरकार द्वारा जारी पत्र में 39 अधिकारियों/ इंजीनियरों के नाम देकर लिखा गया है कि एक सप्ताह में इन अधिकारियों की चार्जशीट तैयार करके सरकार को भेजी जाए ताकि ऐसे अधिकारियों को बड़ी सजा दी जा सके। विभाग के सूत्रों के अनुसार टोल प्लाजा वसूलने वाली निजी कंपनी की 6 सड़कों के अनुबंध कुछ वर्षों में समाप्त होने जा रहे हैं। विभाग के अनुसार समय पर और समझौते अनुसार सड़कों की ओवरलोडिंग की जानी थी, परंतु टोल प्लाजा कंपनी ने ऐसा नहीं किया और इससे कंपनी की 40 करोड़ की बचत हुई। दूसरी ओर कंपनी ने लोगों से टोल वसूलने का कार्य जारी रखा, परंतु इसके लिए संबंधित अधिकारियों ने कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की। इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। जिन सड़कों को लेकर विवाद बना उनमें दाखा-हलवारा-रायकोट-बरनाला, मोरिंडा-कुराली-सिसवान रोड, कीरतापुर साहिब-नंगल-ऊना रोड, जगराओं-नकोदर, पटियाला-समाना-पातड़ा और बलाचौर-गढ़शंकर-होशियारपुर-दसूहा मार्ग शामिल हैं।