16 अगस्त को केंद्रीय पशुपालन मंत्री को सौंपी रिपोर्ट में बताया गया था कि 15 अगस्त तक प्रदेश के 14 जिलों में कुल 17440 पशुओं में संक्रमण पाया गया था और 87 गायों की मौत हुई थी। तीन दिन में ही आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। सबसे खराब हालात यमुनानगर, अंबाला, सिरसा, पलवल, फरीदाबाद में हो रहे हैं। यहां पर लंपी संक्रमण तेजी से पशुओं में फैल रहा है।
हरियाणा के पशुओं में फैल रही लंपी बीमारी बेकाबू होने लगी है। पिछले तीन दिन में 63 गायों की मौत हो चुकी है, जबकि 9560 और गायों में संक्रमण के लक्षण मिले हैं। प्रदेश में औसतन रोजाना 3186 संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना 21 गाय दम तोड़ रही हैं। अब प्रदेश में लंबी संक्रमण के कुल 27 हजार मामले सामने आ चुके हैं और कुल 150 गायों की मौत हो चुकी है।
इधर, हरियाणा पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को खुद के ही भरोसे छोड़ दिया है। विभाग द्वारा पिछले एक सप्ताह से जिलों में तीन लाख डोज भेजने का दावा किया जा रहा है लेकिन विभाग के पास ये आंकड़ा नहीं है कि टीकाकरण कितने पशुओं का हुआ। कई दिन बीत जाने के बाद भी टीकाकरण नहीं हो पाया रहा है।
16 अगस्त को केंद्रीय पशुपालन मंत्री को सौंपी रिपोर्ट में बताया गया था कि 15 अगस्त तक प्रदेश के 14 जिलों में कुल 17440 पशुओं में संक्रमण पाया गया था और 87 गायों की मौत हुई थी। तीन दिन में ही आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। सबसे खराब हालात यमुनानगर, अंबाला, सिरसा, पलवल, फरीदाबाद में हो रहे हैं। यहां पर लंपी संक्रमण तेजी से पशुओं में फैल रहा है।
संक्रमण रोकने के लिए विभाग के ओर से दावे किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी स्तर पर विभाग की कार्ययोजना का असर नहीं दिख रहा है। हरियाणा में खुद केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला 16 अगस्त को आए थे और प्रदेश के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल समेत आला अधिकारियों के साथ बैठक की थी। बैठक में रूपाला ने निर्देश दिए थे कि पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान को तेजी देनी है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेश में टीकाकरण की गति में कोई तेजी नहीं आई है।
कंट्रोल रूम तक नहीं, कहां जाएं पशुपालक
पशुपालन विभाग के एक्शन प्लान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के 14 जिलों में संक्रमण फैल चुका है लेकिन अभी तक मुख्यालय की ओर से न कोई कंट्रोल रूम बनाया गया है और न ही कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। अगर विभाग की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया होता तो संक्रमण के बारे में सटीक जानकारी होती और टीकाकरण अभियान का फीडबैक भी मिलता है। पशुपालकों की परेशानी इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि अगर पशु संक्रमित मिलता है तो वे किससे से संपर्क करें। गांवों में स्थित डिस्पेंसरी और अस्पतालों में स्टाफ की कमी है।
प्रदेश के सभी जिलों में गॉट पाक्स दवा की तीन लाख से अधिक खुराक भेजी जा चुकी हैं। टीकाकरण चल रहा है लेकिन अभी तक कितने पशुओं को टीके लगाए गए हैं, इसका आंकड़ा नहीं है। बीमारी से बचाव को लेकर विभाग की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। अभी तक 14 हजार गोवंश इस बीमारी से ठीक हो चुका है। - डॉ. सुखदेव राठी, उप निदेशक, पशुपालन विभाग।
तेजी से फैल रही लंपी बीमारी, अभी तक सरकार सक्रिय नहीं: हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हजारों की तादाद में पशु बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। लगातार पशुओं की जान जा रही है लेकिन अब तक सरकार की तरफ से जरूरी सक्रियता नहीं दिखाई गई। सरकार को बीमारी के इलाज, सैंपलिंग और टीकाकरण पर जोर देना चाहिए। गांव-गांव में चिकित्सकीय कैंप लगाने और संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। हुड्डा ने पशुपालकों और गोशालाओं के लिए भी विशेष अनुदान और मुआवजे की मांग की है।
भाजपा ने गोवंश से मुंह मोड़ा: सैलजा
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को 15 दिन बीतने पर भी गायों की तड़प दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश में लंपी चर्म रोग तेजी से फैल रहा है और सरकार आराम से अनजान बनी हुई है। गायों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब हजारों पशुओं को लंपी वायरस अपनी चपेट में ले चुका है। इसके बावजूद संवेदनहीन गठबंधन अभी तक पूरे प्रदेश में लंपी रोग की रोकथाम के लिए सघन अभियान नहीं चला पा रही है। गाय के नाम का सहारा भाजपा ने चुनाव के समय लिया, आज जरूरत के समय उन्हें भुला दिया। गायों को बचाने के नाम पर सिर्फ ढोंग किया जा रहा है।