जंतर-मंतर पर किसानों के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के साथ हरियाणा पुलिस भी मुस्तैद हो गई

दिल्ली में जंतर-मंतर पर किसानों के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के साथ हरियाणा पुलिस भी मुस्तैद हो गई है

Update: 2022-08-21 16:29 GMT

दिल्ली में जंतर-मंतर पर किसानों के प्रस्तावित प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के साथ हरियाणा पुलिस भी मुस्तैद हो गई है। टीकरी बॉर्डर पर पुलिस ने लोहे की बैरिकेड लगाकर वाहनों की वाहनों की निगरानी शुरू कर दी है। सीमेंटेड बैरिकेड लगाने की व्यवस्था बनानी शुरू कर दी है। उधर पुलिस की नाकेबंदी के कारण किसान ट्रेन के माध्यम से भी दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं।

किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली के करीब चार थानों की पुलिस लगाई गई है। बहादुरगढ़ की पुलिस भी लगी है। रविवार को बहादुरगढ़ और दिल्ली पुलिस ने आपसी समन्वय मीटिंग कर व्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की। शनिवार को ही दिल्ली पुलिस ने सीमेंटेड बैरिकेड टीकरी बॉर्डर पर जुटाने शुरू कर दिए थे। दिल्ली-रोहतक राष्ट्रीय राजमार्ग को संकरा भी किया गया है। आने वाले वाहनों की चेकिंग कर देखा जा रहा है कि इनमें किसान तो नहीं है।
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े कई संगठनों ने कई संगठनों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद दिल्ली और हरियाणा दोनों राज्यों की पुलिस सर्तक हो गई थी और बॉर्डर पर नाकेबंदी शुरू कर दी गई थी।
बता दें कि पंजाब के कई किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के अहम अंग हैं, लेकिन वे इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बन रहे, जबकि एसकेएम से जुड़े कुछ संगठन इस विरोध को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं। भारतीय किसान यूनियन उग्राहां और राजेवाल समेत कई संगठन इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं हैं। मानसा से आए किसान हरमीत सिंह ने बताया कि इस बार किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के बजाय निजी वाहनों से दिल्ली कूच करने की योजना बनाई है।
दिल्ली में जंतर-मंतर पर आज होने वाले प्रदर्शन के लिए किसानों के कई जत्थे ट्रेन से पंजाब के फिरोजपुर से बहादुरगढ़ पहुंचे। इनमें अधिकतर किसान भाकियू सिद्धपुर से जुड़े हैं। हालांकि देर शाम तक ये शहर में ही डटे थे। स्थानीय पुलिस फिलहाल शांत है लेकिन इन पर नजर बनाए है। हालांकि संभावना है कि ये जत्थे सोमवार तड़के दिल्ली निकल सकते हैं। उधर फिर से किसान आंदोलन की घोषणा के चलते स्थानीय लोगों और व्यापारी भी चिंतित हैं। उन्हें डर है कि कहीं फिर से आंदोलन शुरू हो गया तो दिक्कतें हो सकती हैं।
पंजाब के मानसा से आए किसान जसपाल सिंह, हरमीत सिंह, दर्शन सिंह और जसबीर सिंह आदि कई किसान सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू दलाल के कार्यालय पहुंचे। पप्पू दलाल स्वयं भी पिछले दिनों हुए किसान आंदोलन में सक्रिय रहे थे। किसानों के जत्थे देख स्थानीय लोग हैरान हैं हालांकि इनकी संख्या ज्यादा नहीं है।
पंजाब से आए किसानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। बिना किसान संगठनों से बात किए बिजली संशोधन बिल लाया गया। इसके जरिए किसानों को मिलने वाली सस्ती बिजली खत्म करने की साजिश रची गई है। एमएसपी के लिए कानून भी उनको नहीं दिया है और ना ही लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के साथ न्याय हुआ है।
पंजाब से आए कई किसानों ने कहा कि अभी वो दिल्ली बॉर्डर पर पक्के मोर्चे लगाने नहीं आए बल्कि अभी तो एक दिन के प्रदर्शन के लिए आए हैं ताकि सरकार को चेताया जा सके। किसानों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो फिर से दिल्ली में पक्के मोर्चे लगाएंगे। इसके लिए छुपकर नही आएंगे खुलेआम सरकार को बताकर आएंगे। वहीं किसानों के बड़ी संख्या में आने की आहट से ही दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है।
दुकानदार विजय कुमार ने कहा कि यदि फिर से यहां आंदोलन शुरू हो गया तो कैसे काम चलेगा। पहले एक साल तक आंदोलन चला था तो कारोबार चौपट हो गया था। पिछली बार बिगड़ी व्यवस्था अभी तक पटरी पर नहीं आई।
सीमेंट के अवरोधक एकत्रित किए
दिल्ली के टीकरी बॉर्डर पर अवरोधक लगाने के लिए पुलिस ने सीमेंट-कंक्रीट से बने बड़े-बड़े ब्लॉक एकत्रित कर लिए हैं। सड़क को संकरा कर दिया है। वाहनों की चेकिंग भी शुरू कर दी है ताकि दिल्ली में किसानों की भीड़ इकट्ठी होने से रोका जा सके।


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