राज्य कोटे की एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए सरकार ने डोमीसाइल अनिवार्य किया

पंजाब में अब राज्य कोटे की एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए सरकार ने डोमीसाइल अनिवार्य कर दिया है

Update: 2022-08-27 11:00 GMT

पंजाब में अब राज्य कोटे की एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए सरकार ने डोमीसाइल अनिवार्य कर दिया है। बिना डोमीसाइल के नीट प्रवेश परीक्षा फार्म भरने वाले युवाओं को राज्य कोटे का लाभ नहीं ले पाएंगे। सरकार ने यह फैसला मूल निवास को लेकर होने वाले विवाद को लेकर लिया है।

पंजाब में कुल 11 मेडिकल और 16 डेंटल कॉलेज हैं। इनमें क्रमश: 1650 एमबीबीएस और 1350 बीडीएस सीटें हैं। जिनमें से सरकारी कॉलेजों में 15 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे के लिए आरक्षित हैं। राज्य कोटे के तहत 85 फीसदी सीटें आरक्षित हैं।
अभी तक पड़ोसी राज्य हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई छात्र पंजाब से 11वीं और 12वीं कक्षा पास करने के आधार पर राज्य कोटे के तहत पंजाब के कॉलेजों में प्रवेश ले लेते हैं। इसके बाद वह राज्य कोटे की एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के आवेदन करते हैं। जबकि नियम यह है कि कोई भी उम्मीदवार एक ही समय में दो राज्यों के डोमीसाइल का लाभ नहीं ले सकता। इसको लेकर अभी तक पंजाब में कई विवाद हो चुके हैं।
2021 में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (बीएफयूएचएस) जिसे एमबीबीएस और बीडीएस प्रवेश का काम सौंपा गया था, ने झूठी सूचना देकर एक से अधिक राज्यों में राज्य कोटे की सीटों का लाभ लेने के लिए सात मेडिकल छात्रों को बर्खास्त भी कर दिया था। राज्य कोटे की सीटों के लिए बढ़ते विवादों को देखते हुए पंजाब सरकार ने अब नीट परीक्षा के प्रवेश फार्म में डोमीसाइल को अनिवार्य कर दिया है। इससे विवाद भी कम होंगे और सीधे तौर पर पंजाब के युवाओं को एमबीबीएस और बीडीएस की राज्य कोटे की सीटों का सीधा लाभ मिल पाएगा।
अगले सप्ताह आएंगे परिणाम
एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्त्रस्मों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा 17 जुलाई को आयोजित की गई थी। इसका परिणाम अगले सप्ताह आने की उम्मीद है।
नई पात्रता शर्त के अनुसार केवल उन उम्मीदवारों को राज्य कोटा के लाभ मिलेगा, जिन्होंने अपने नीट-यूजी फार्म में पंजाब का डोमीसाइल लगाया है। - डा. निर्मल, बीएफयूएचएस रजिस्ट्रार, आईएएस अधिकारी


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