स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए छह मोर्चों पर काम कर रही है सरकार : प्रधानमंत्री

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Update: 2022-08-24 13:16 GMT
मोहाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गरीब से गरीब व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को अपनी प्राथमिकता बताया और कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार एक साथ छह मोर्चों पर काम कर रही है तथा वह रिकॉर्ड निवेश कर रही है। यहां ''होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र'' का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना काम पिछले आठ साल में हुआ है उतना पिछले 70 वर्षों में भी नहीं हुआ।
टाटा मेमोरियल सेंटर ने 660 करोड़ रुपये की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत सहायता-प्राप्त संस्थान है। उन्होंने 'प्रीवेंटिव हेल्थ केयर' यानी बीमारी से बचाव को बढ़ावा दिए जाने को पहला और गांवों में छोटे एवं आधुनिक अस्पताल खोले जाने को दूसरा मोर्चा बताया। इस कड़ी में उन्होंने शहरों में मेडिकल कॉलेज और शोध वाले बड़े संस्थान खोलना, देश भर में चिकित्सकों और पैरामेडिकल कर्मियों की संख्या बढ़ाना, मरीजों को सस्ती दवाइयां व सस्ते उपकरण उपलब्ध कराने और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर मरीजों की मुश्किलें कम करने को अन्य चार मोर्चा बताया, जिन पर सरकार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ''इस पर केंद्र सरकार रिकॉर्ड निवेश कर रही है... हजारों करोड़ रुपए खर्च कर कर रही है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का मतलब सिर्फ चार दीवारें बनाना नहीं होता है। उन्होंने कहा, ''किसी भी देश का स्वास्थ्य सिस्टम तभी मजबूत होता है, जब वो हर तरह से समाधान दे, कदम-कदम पर मरीजों का साथ दे और इसलिए पिछले आठ वर्षों में देश में संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा गया है।''
मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी का भी पहली बार इतने व्यापक स्तर पर समावेश किया जा रहा है और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर मरीज़ को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। उन्होंने कहा कि अस्पताल बनाना जितना ज़रूरी है, उतना ही जरूरी पर्याप्त संख्या में अच्छे चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का उपलब्ध होना भी है।
उन्होंने कहा, ''इसके लिए भी आज देश में मिशन मोड में काम किया जा रहा है। साल 2014 से पहले देश में 400 से भी कम चिकित्सा कॉलेज थे। यानि 70 साल में 400 से भी कम चिकित्सा कॉलेज। वहीं पिछले आठ साल में 200 से ज्यादा नए चिकित्सा कॉलेज देश में बनाए गए हैं।'' प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कैंसर मरीजों और उनके परिवारों को भी हिम्मत देने का प्रयास किया और कहा कि उन्हें इससे डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ''मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है, जिन्होंने इस लड़ाई में कैंसर को परास्त किया है और जीत हासिल की है।''
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआई) में बहुत भीड़ होने की वजह से मरीजों और उनके परिवारों को कई सारी परेशानियां होती थीं। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स बन गया है और यहां कैंसर के इलाज के लिए इतनी बड़ी सुविधा बन जाने से लोगों को सहूलियत होगी। कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
यह कैंसर अस्पताल तृतीयक स्तर का अस्पताल है, जिसकी क्षमता 300 बिस्तरों की है। अस्पताल कैंसर के सभी प्रकारों के उपचार के लिये आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यहां सर्जरी, रेडियोथेरेपी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी– कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। यह अस्पताल पूरे क्षेत्र में कैंसर सुविधा और उपचार के लिये "केंद्र" के रूप में और संगरूर में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल इसकी "शाखा" के रूप में कार्य करेगा।
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